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Mission Moon: चंद्रयान-3 ऑर्बिट बदलकर गोलाकार कक्षा में आया, कल का दिन बेहद महत्वपूर्ण

Mission Moon: चंद्रयान-3 ऑर्बिट बदलकर गोलाकार कक्षा में आया, कल का दिन बेहद महत्वपूर्ण

Chandrayaan-3 Four Orbit: समस्त देशवासियों को जिस दिन का इंतजार था, वह करीब आ रहा है। चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) हर दिन अपने लक्ष्य के करीब पहुंच रहा है। अब Chandrayaan-3 ने चौथी बार अपनी ऑर्बिट बदली है। अब Chandrayaan-3 ने चंद्रमा (Moon) की 153 Km X 163 Km की लगभग गोलाकार कक्षा में किया है। इसरो (ISRO) के वैज्ञानिकों ने सुबह 8:30 बजे चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) के थ्रस्टर कुछ देर के लिए फायर किए। 2 दिन पहले Chandrayaan-3 ने 150 Km x 177 Km की ऑर्बिट (moon’s orbit) में प्रवेश किया था।

153 Km X 163 Km की ऑर्बिट (moon’s orbit) का अर्थ है कि चंद्रयान-3 उस कक्षा में है, जिसमें उसकी चंद्रमा से सबसे कम दूरी 153 Km है। सबसे अधिक दूरी 163 किलोमीटर है। अब 17 अगस्त यानी गुरुवार चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) के लिए काफी अहम दिन है। इसरो इस दिन चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) के प्रोपल्शन मॉड्यूल (Chandrayaan-3 propulsion module) को लैंडर से अलग कर देगा। फिर 23 अगस्त को Chandrayaan-3 की लैंडिंग होगी।

Chandrayaan-3 में लैंडर, रोवर और प्रोपल्शन मॉड्यूल हैं। लैंडर और रोवर चांद के साउथ पोल पर उतरेंगे। इसके बाद वहां 14 दिन तक प्रयोग करेंगे। चंद्रमा की कक्षा में रहकर प्रोपल्शन मॉड्यूल धरती से आने वाले रेडिएशन्स का अध्ययन करेगा। चांद पर पानी की खोज लैंडर और रोवर करेंगे।

22 दिनों के सफर के बाद 5 अगस्त की शाम 7:15 बजे Chandrayaan-3 चंद्रमा की कक्षा में पहुंचा था, तब यान चंद्रमा की ग्रैविटी में कैप्चर हो सके, इसके लिए उसकी गति कम थी। इसरो (ISRO) वैज्ञानिकों ने स्पीड कम करने के लिए Chandrayaan-3 के फेस को पलटकर थ्रस्टर 1835 सेकंड मतलब आधे घंटे के लिए फायर किए। यह फायरिंग शाम 7:12 बजे शुरू हुई थी।

Mission Moon: चंद्रयान-3 ऑर्बिट बदलकर गोलाकार कक्षा में आया, कल का दिन बेहद महत्वपूर्ण
source : ISRO

चंद्रयान-3 ने कैप्चर कीं चांद की तस्वीरें

Chandrayaan-3 ने पहली बार चंद्रमा की कक्षा में एंट्री की थी तो उसकी ऑर्बिट 164 Km x 18,074 Km थी। इसमें प्रवेश करते समय उसके ऑनबोर्ड कैमरों ने चांद की तस्वीरें ली थीं। इसरो (ISRO) ने इसका वीडियो अपनी वेबसाइट पर शेयर किया है। तस्वीरों में चंद्रमा के क्रेटर्स साफ दिख रहे हैं। इसरो ने X पोस्ट में Chandrayaan-3 द्वारा भेजे गए मैसेज को लिखा था- मैं चंद्रयान-3 हूं… मुझे चांद की ग्रैविटी महसूस हो रही है। इसरो (ISRO) ने बताया था कि चंद्रयान-3 सफलतापूर्वक चंद्रमा की कक्षा में पहुंच चुका है। 23 अगस्त को लैंडिंग से पहले चंद्रयान को 4 बार ऑर्बिट कम करनी है। रविवार को एक ऑर्बिट कम कर चुका है।

Chandrayaan-3 की लांचिंग से अब तक का सफर

  • 14 जुलाई: चंद्रयान-3 पृथ्वी की 170 km x 36,500 km की ऑर्बिट में छोड़ा गया।
  • 15 जुलाई: चंद्रयान- 3 की पहली बार ऑर्बिट बढ़ाकर 41,762 km x 173 km की गई।
  • 17 जुलाई : दूसरी बार ऑर्बिट बढ़ाकर 41,603 km x 226 km कर दी गई।
  • 18 जुलाई : तीसरी बार ऑर्बिट बढ़ाकर 51,400 km x 228 km हुई।
  • 20 जुलाई : चौथी बार ऑर्बिट बढ़ाकर 71,351 x 233 Km की गई।
  • 25 जुलाई : 5वीं बार ऑर्बिट बढ़ाकर 1,27,603 km x 236 km की गई।
  • 31 जुलाई व 1 अगस्त की रात : चंद्रयान पृथ्वी की कक्षा से चंद्रमा की तरफ बढ़ा।
  • 5 अगस्त : चंद्रयान-3 का चंद्रमा की 164 Km x 18074 Km की कक्षा में प्रवेश।
  • 6 अगस्त: चंद्रयान की ऑर्बिट पहला बार घटाकर 170 Km x 4313 Km।
  • 9 अगस्त : चंद्रयान की ऑर्बिट दूसरी बार घटाकर 174 km x 1437 km।
  • 14 अगस्त: चंद्रयान की तीसरी बार ऑर्बिट घटाकर 150 Km x 177 Km।
  • 16 अगस्त: चंद्रयान 153 Km X 163 Km की करीब गोलाकार कक्षा में आया।
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