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MP Election: मध्य प्रदेश का चुनावी इतिहास, कई सीटों पर हर बार बदल जाते हैं माननीय, जनता मौजूद विधायक को नहीं देती मौका

MP Election: मध्य प्रदेश का चुनावी इतिहास, कई सीटों पर हर बार बदल जाते हैं माननीय, जनता मौजूद विधायक को नहीं देती मौका
MP Election 2023: अगले महीने मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव(Election) होना है। इसको लेकर भाजपा और कांग्रेस तमाम हथकंडे अपना रही है। विधायक भी अपने-अपने स्तर पर दोबारा जीत हासिल करने की कोशिश में जुटे हैं, लेकिन कुछ ऐसी सीटें हैं, जहां जनता माननीयों को दोबारा मौका नहीं देती है। ऐसा 20 वर्षों से हो रहा है। इन सीटों पर हर बार के विधानसभा चुनाव में नई पार्टी की जीत देखने को मिलती है। बता दें जनता ऐसा 1988 से करती आ रहीं है।

इनमें भाजपा और कांग्रेस समेत तमाम दलों के नेता शामिल हैं। मालवा-निमाड़ की लगभग 10 सीटों पर जनता विधायक को दोबारा मौका नहीं देती। बीजेपी ने अपनी दूसरी लिस्ट में मुरैना की दिमनी विधानसभा क्षेत्र से केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को उम्मीदवार बनाया है। यह हॉट सीट मानी जाती है। यहां से 1988 में भाजपा के मुंशीलाल चुनाव जीते थे। 2013 के चुनाव में इस सीट पर बलवीर सिंह दंडोतिया ने जीत दर्ज की थी। वह बीएसपी के टिकट पर चुनाव लड़े थे।

इन सीटों पर नहीं जीतते दोबारा उम्मीदवार

जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट की सेवर विधानसभा सीट बेहद अहम मानी जाती है। यहां तुलसी सिलावट 2018 के उपचुनाव में दूसरी बार जीते थे। इसमें सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया की भी सीट शामिल है। यहां पर कोई उम्मीदवार लगातार नहीं जीतता है। 2018 में भाजपा के उम्मीदवार अरविंद भदौरिया ने जीत हासिल की थी।

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