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क्या भाजपा में भगदड़ का अंदेशा, क्यों ग्वालियर चंबल अधिक संदिग्ध ?

क्या भाजपा में भगदड़ का अंदेशा, क्यों ग्वालियर चंबल अधिक संदिग्ध?

मध्य प्रदेश में चुनावी साल है कई भाजपा के नेता अब कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के संपर्क में आ रहे हैं। सूत्रों की मानें तो इंटेलिजेंस की जो रिपोर्ट आई है। वह चौंकाने वाली है।बताया जा रहा है कि कई भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेता जो कभी मंत्री और विधायक हुआ करते थे। उनको बीजेपी ने हाशिए पर रख दिया है। ऐसे में वह अपने राजनीतिक सफर को आगे बढ़ाने के लिए विकल्प ढूंढ रहे हैं। अधिकतर नेताओं की चर्चा कांग्रेस और आम आदमी पार्टी से चल रही है।दरअसल आम आदमी पार्टी को नेशनल पार्टी का दर्जा मिल चुका है। देश में दो जगह पर आम आदमी पार्टी की सरकार है।

बीते गुजरात चुनाव में आम आदमी पार्टी ने वोट परसेंटेज भी खींचा है। लेकिन वहां पर कुछ ज्यादा करके नहीं दिखा पाई है। अब आम आदमी पार्टी मध्य प्रदेश की सभी विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए जा रही है। ऐसे में जो बीजेपी से नाराज नेता है वह आम आदमी का दामन थाम सकते हैं। इतना ही नहीं सूत्र यह भी बताते हैं कि वर्तमान विधायक भी कांग्रेस और आम आदमी के संपर्क में है। नवंबर दिसंबर में होने वाले चुनाव में बीजेपी से बगावत करने वाले नेता काफी नुकसान पहुंचा सकते हैं। ग्वालियर चंबल इलाके में सबसे ज्यादा बगावती स्वर देखने को मिल सकते हैं।

क्योंकि यहां से 2020 में दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बडी संख्या में समर्थकों के साथ भारतीय जनता पार्टी का दामन थामा था। जिसके बाद मध्य प्रदेश में सत्ता परिवर्तन का दौर भी देखने को मिला। और फिर एक बार शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। सत्ता परिवर्तन की घटना के बाद कांग्रेस में भारतीय जनता पार्टी पर कई आरोप लगाए थे। कहा था कि भारतीय जनता पार्टी ने विधायकों को खरीद कर अपनी सरकार बनाई है। ऐसे में सिंधिया के साथ कांग्रेस के कई विधायकों ने बीजेपी का दामन थाम लिया था। जब उप चुनाव हुए तो सिंधिया समर्थक विधायकों को टिकट मिला।

बताया जाता है कि बीजेपी के जो विधायक प्रत्याशी पहले हुआ करते थे उनमें काफी नाराजगी है। क्योंकि उन लोगों ने अपने विधानसभा क्षेत्र को मजबूत करने के लिए पूरा समय दिया था। लेकिन कांग्रेस से बीजेपी में जो लैंडिंग हुई, उससे भारतीय जनता पार्टी के लोग काफी नाराज हैं। राजनीतिक जानकारों की मानें तो उपचुनाव में तो भारतीय जनता पार्टी ने अपने पुराने विधानसभा प्रत्याशियों को पूरी तरीके से मना लया था।

लेकिन आने वाले विधानसभा चुनाव मैं क्या भारतीय जनता पार्टी अपने नेता और कार्यकर्ताओं को मना पाएगी। हालांकि बीते दिन हुई कोर कमेटी की बैठक में कई प्रस्ताव आए।लेकिन नेता और कार्यकर्ताओं की नाराजगी पर भारतीय जनता पार्टी के नेता यही कह रहे हैं कि हमारी पार्टी में कोई नाराज नहीं है। सब सामंजस्य के साथ चल रहा है।भारतीय जनता पार्टी एक परिवार है। परिवार को समेट कर आगे बढ़ना है। नेताओं के यह बयान सिर्फ मीडिया पर ही अच्छे लग रहे हैं।नाराजगी को लेकर जमीनी हकीकत कुछ अलग बया कर रही है।

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