नई दिल्ली. अक्सर देखा गया कि फिल्में और वेब सीरीज किसी भी सच्ची घटना से हमें अच्छे तरीके से रूबरू कराती हैं. ऐसी ही एक सच्ची घटना पर आधारित वेब सीरीज ‘ट्रायल बाय फायर’ (Trial By Fire) आ रही है, जिसे साल 1997 में दिल्ली के उपहार सिनेमा अग्निकांड पर बनाया गया है. बुधवार को इस सीरीज का शानदार ट्रेलर रिलीज कर दिया गया है. नेटफ्लिक्स (Netflix) की इस सीरीज में बॉलीवुड एक्टर अभय देओल (Abhay Deol) लीड रोल में मौजूद हैं.
त्रासदी, जिसने 59 लोगों की जान ले ली थी, अब दो दशक से अधिक समय बाद नेटफ्लिक्स (Netflix Series) पर रिलीज होने जा रही है. इस मौके पर इंडियन एक्सप्रेस ने नीलम और शेखर कृष्णमूर्ति से बात कर उनका दर्द जाना. रिपोर्ट में दंपति ने बताया कि जिस दिन आग लगी थी वह भी 13 तारीख ही थी और सीरीज की रिलीज डेट भी 13 ही रखी गई है.
दंपति की किताब पर आधारित है सीरीज
नेटफ्लिक्स पर रिलीज होने जा रही यह सीरीज पुस्तक ‘ट्रायल बाय फायर’ (Trial book of fire) पर आधारित है. शेखर कृष्णमूर्ति ने बताया कि यह सीरीज त्रासदी की सच्चाई का वर्णन करेगी जिन्होंने इसे केवल पढ़ा या सुना है. साथ ही देश में मुकदमेबाजी में लगे किसी भी व्यक्ति के लिए दृढ़ता और धैर्य को रेखांकित करने के अलावा भारत की कानूनी प्रणाली में कमियों को उजागर करेगी. उन्होंने बताया कि शुरू में प्रभावित परिवारों को एक साथ लाना भी मुश्किल था. हालांकि सभी 26 प्रभावित परिवार आज एक साथ हैं.
उस दुर्भाग्यपूर्ण दिन को याद करते हुए शेखर ने बताया कि उन्हें उनके साथ जाना था. लेकिन उन्नति ने सोचा कि हम समय पर नहीं जा पाएंगे इसलिए मुझसे वादा किया कि वह मेरे साथ फिर से वही फिल्म देखेगी. कृष्णमूर्ति ने उस दिन से एक भी फिल्म नहीं देखी है. शेखर ने बताया कि इस दौरान उन्हें कई लोगों ने सलाह दी कि उन्हें फिर से एक नया परिवार बनाना चाहिए. हालांकि शेखर उनकी सलाह को यह कहकर टाल देते थे कि उनके बच्चे खिलौने नहीं थे जिन्हें बदला जा सके. इसके अलावा, अगर उनका एक और बच्चा होता, तो उन्हें नहीं लगता कि उनके साथ जो हुआ उसके बाद वह उन्हें घर से बाहर कदम रखने भी देते.