HRA Exemption: देश में महामारी के संकट से बाहर निकलने के बाद केंद्रीय बजट 2022-23 से भारत के वेतनभोगी वर्ग को ज्यादा कुछ नहीं मिला था। लेकिन इस साल बहुत लोगों को उम्मीद है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आगामी वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में उच्च मुद्रास्फीति को देखते हुए मेहनती नौकरीपेशा लोगों को कुछ राहत देंगी। यूनियन बजट 2023 में नॉन मेट्रो सिटी में रहने वाले लोगों के लिए भी HRA छूट की सीमा को 50 प्रतिशत तक बढ़ाया जा सकता है. इसके अलावा नॉन सैलरीड इंडिविजुअल के लिए HRA में मिलने वाली छूट का दायरा 60 हजार रुपये से बढ़ाया जा सकता है. HRA में छूट को लेकर वित्त मंत्रालय की तरफ से बड़ा प्लान बनाया जा रहा है.
फिलहाल मेट्रो सिटी के लिए हाउस रेंट अलाउंस (HRA) पर मिलने वाली छूट बेसिक और डियरनेस अलाउंस का अधिकतम 50 प्रतिशत तक है. वहीं, नॉन मेट्रो शहरों के लिए यह लिमिट बेसिक और महंगाई भत्ते की कुल रकम का 40 प्रतिशत होती है. देश के चार शहर दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई मेट्रो सिटी के तहत आते हैं. इसके अलावा पुणे, बेंगलुरू, पटना, हैदराबाद आदि नॉन-मेट्रो श्रेणी में आते हैं.
संसद में भी उठाया था मामला
दक्षिण बेंगलुरू से एमपी तेजस्वी सूर्या ने संसद में मांग की थी कि एचआरए (HRA) पर मिलने वाली छूट की लिमिट बढ़ाई जाए. बेंगलुरू, अहमदाबाद, हैदराबाद, पुणे और नोएडा शहरों के किराये में बढ़ोतरी हुई है. ऐसे में यहां भी HRA में मिलने वाली छूट की लिमिट को 50 प्रतिशत करने की मांग की गई थी.
नॉन सैलरीड के लिए भी बढ़ेगी लिमिट!
सैलरीड क्लॉस के अलावा सरकार नॉन सैलरीड इंडिविजुअल (बिजनेसमैन) को भी HRA पर मिलने वाली छूट को बढ़ाने पर विचार कर रही है. अभी यह लिमिट 5 हजार रुपये महीने के हिसाब से 60 हजार रुपये है. लेकिन इस बजट में इसे बढ़ाकर एक लाख रुपये किये जाने की उम्मीद है. फिलहाल सेक्शन 80GG के तहत नॉन सैलरीड इंडिविजुअल को एचआरए में छूट मिलती है. इसे एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम 60 हजार रुपये तक ही क्लेम किया जा सकता है.