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सोमवर कों नगर भ्रमण पर निकलेगी महाकालेश्वर भगवान की शाही सवारी

उज्जैन। भगवान श्री महाकालेश्वर की भाद्रपद माह में निकलने वाली सवारियों के क्रम में तीसरी शाही सवारी सोमवार 06 सितम्बर को निकलने वाली सवारी में भगवान श्री चन्द्रमौलीश्वर चॉदी की पालकी में विराजित होकर संपूर्ण राजसी ठाट-बाट के साथ नगर भ्रमण पर निकलेंगे। साथ ही श्री मनमहेश हाथी पर और श्री शिव-तांडव, श्री उमा-महेश, श्री घटाटोप, श्री सप्तधान मुखारविन्द व श्री होल्कर स्टेट का मुखारविन्द रथ पर विराजित होकर भक्तों को दर्शन देंगे। कोविड -19 के प्रोटोकॉल के तहत शाही सवारी में भी सवारी का स्वरूप गतवर्षानुसार ही रहेगा।

अधिकारी गण भी सवारी के साथ चलेंगे

सभामंडप में पूजन के पश्चा्त पालकी मुख्य द्वार से श्री बडा गणेश मंदिर के सामने से होते हुए हरसिद्धि मंदिर के समीप से होकर नृसिंह घाट रोड, सिद्धाश्रम के सामने से क्षिप्रा तट रामघाट पहुंचेगी। रामघाट पर मॉ क्षिप्रा के जल से परंपरा अनुसार सिंधिया स्टेट घराने के सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा यहां पर बाबा श्री महाकालेश्वर के अभिषेक पूजन पश्चात सवारी रामानुजकोट, हरसिद्धी पाल से हरसिद्धी मंदिर पर मॉ हरसिद्धी व बाबा महाकाल की आरती के बाद श्री बडा गणेश मंदिर के सामने से होते हुए महाकालेश्वर मंदिर वापस आयेगी। पारंपरिक उद्घोषक, तोपची,सलामी गार्ड, घुड़सवार दल, संगीतमय धुन के साथ पुलिस बैंड, पुराने युग का आभास कराती नगाड़ों की थाप, गूंजती शहनाई, पुजारी, पुरोहित गण, अधिकारी गण आदि सवारी के साथ चलेंगे।

आतिशबाजी व पुष्प वर्षा भी की जावेगी

सवारी मार्ग पर मंदिर समिति के माध्यम से जगह-जगह पर सजावट की जा रही है, साथ ही मंदिर परिसर को भी फूलों के बंधनवार, तोरण इत्यादि से सजाने का कार्य प्रारंभ हो गया है। बाबा श्री महाकालेश्वर के नगर भ्रमण के दौरान संपूर्ण सवारी मार्ग में फूलों व रंगों की सतरंगी रंगोलियां, जगह-जगह पर आतिशबाजी, रंगबिरंगे ध्वज, छत्रियां आदि के माध्यम से सजाया जा रहा है। संपूर्ण सवारी मार्ग को आकर्षक बनाने के लिये आधुनिक सज्जा के उपायों द्वारा सुसज्जित, सुन्दर व भव्य बनाने का कार्य किया जा रहा है। साथ ही जगह- जगह पर आधुनिक तकनीक पायरो के माध्यम से आतिशबाजी व पुष्प वर्षा भी की जावेगी। इसी प्रकार श्री महाकालेश्‍वर मंदिर के प्रांगण में नवग्रह मंदिर के पास सफेद चबूतरे पर सवारी मार्ग की सजावट करने वाले श्री हरीश पाटीदार व उनके समूह द्वारा शिव के विभिन्न स्वरूपों की झांकी सजायी गई है। जो मंदिर परिसर में आने वाले प्रत्येक दर्शनार्थी के लिये आकर्षण का केन्द्र है। सवारी के दौरान सभामंडप में प्रवेश वर्जित रहेगा। सवारी में केवल पालकी उठाने वाले कहार, पुजारी, पुरोहित, पुलिस, मंदिर समिति के ड्यूटीरत कर्मचारी उपस्थित रहेंगे। सजावट हेतु अनुमति प्राप्त संस्था के अतिरिक्त बाहरी व्यक्तियों का प्रवेश निषेध रहेगा। रामघाट व सवारी मार्ग में आमजन का आवागमन प्रतिबंधित रहेगा। रामघाट पूजा स्थल पर केवल पुजारी, पुरोहित ही रहेंगे।

सवारी में सीमित संख्या में अधिकृत व्यक्ति ही शामिल हो सकेंगे

महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक नरेन्द्र सूर्यवंशी ने बताया कि, व्यवस्था में लगे सभी लोगों को अनिवार्यत: मास्क धारण करने व समय-समय पर सेनेटाईजर का उपयोग करते रहने हेतु निर्देश दिये गये है। सवारी में सीमित संख्या में अधिकृत व्यक्ति ही शामिल हो सकेंगे। कोविड प्रोटोकाल के तहत सवारी मार्ग पर भी धारा-144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश लागू किये गये हैं, तथा आमजन के सवारी मार्ग पर एकत्रित होने पर रोक लगाई गई है। सोमवार को सवारी के दिन प्रात: 05 से दोपहर 01 बजे तक और सायं 07 से रात्रि 09 बजे तक श्री महाकालेश्वर भगवान के दर्शन सामान्य रूप से चलेंगे।

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