नई दिल्ली। लुधियाना कोर्ट धमाके के मामले में जर्मन पुलिस ने एसएफजे आतंकी जसविंदर सिंह मुल्तानी को गिरफ्तार किया है। प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस के आतंकी जसविंदर सिंह की गिरफ्तारी के लिए दबाव की रणनीति काम आई और जर्मनी ने इस आतंकी को गिरफ्तार कर लिया।
72 घंटे में दबाव का हुआ असर
लुधियाना कोर्ट में धमाके के बाद भारत को मुंबई में धमाकों की साजिश के सुराग मिले थे। इसके बाद भारत सक्रिय हुआ और 72 घंटे की मशक्कत के बाद भारत को यह कामयाबी मिल गई। भारत ने जर्मनी को साफ संदेश दिया कि यदि मुंबई या दिल्ली में कोई भी बम धमाका होता है तो इसके लिए बॉन जिम्मेदार होगा। इससे पहले मोदी सरकार ने दिल्ली स्थित जर्मनी के दूतावास को इस संबंध में पर्याप्त खुफिया जानकारी दी, जिसके आधार पर कार्रवाई की जा सकती है। मामले की गंभीरता को समझते हुए भारतीय दूतावास के अधिकारियों को उनकी क्रिसमस की छुट्टियों तक से वापस बुला लिया गया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जर्मन अधिकारी मुंबई पर मंडरा रहे आतंकी हमले के मामले को गंभीरता से ले।
मुंबई में हमले की थी साजिश
खुफिया सूत्रों के मुताबिक आतंकी जसविंदर सिंह मुल्तानी ने मुंबई में सफलतापूर्वक विस्फोटक भेजने और हमले के लिए आतंकियों की टीम भी बना ली थी, लेकिन हमला करने से पहले ही भारत ने उसके मंसूबों पर पानी फेर दिया। आतंकी मुल्तानी की गिरफ्तारी भारत की कूटनीतिक सफलता के साथ भारत-जर्मनी के संबंधों की बेहतरी का भी सूचक है। मुल्तानी हाल ही में सुरक्षा एजेंसियों की नजर में उस वक्त आया जब उसने अपने पाकिस्तान स्थित गुर्गों और हथियार तस्करों की मदद से भारत में विस्फोटक, हथगोले और पिस्तौल से युक्त हथियारों की खेप भेजी। वह तस्करी के जरिए लाई गई हथियारों की खेप से पंजाब में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने की योजना बना रहा था।