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ToggleSharad Purnima 2023 Shubh Phal: अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को शरद पूर्णिमा(Sharad Purnima) मनाई जाती है। इस दिन चंद्र देव धरती के सबसे पास होते हैं। शरद पूर्णिमा(Sharad Purnima) को रास पूर्णिमा भी कहा जाता है।
हिंदू धर्म में शरद पूर्णिमा(Sharad Purnima) का बेहद खास महत्व है। इस बार शरद पूर्णिमा(Sharad Purnima) आज है। इस दिन साल का अंतिम चंद्र ग्रहण भी लग रहा है। ऐसी मान्यता है कि शरद पूर्णिमा(Sharad Purnima) भगवान श्रीकृष्ण को भी समर्पित है। इस दिन श्रद्धालु नदी में नहाते हैं और परिवार की सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना करते हैं। कई श्रद्धालु उपवास रखते हैं।
खीर को खुले आसमान के नीचे रखने से अमृत बनने की मान्यता
इस दिन चावल की खीर बनाने की परंपरा है। खीर को चंद्रमा की रोशनी में रखा जाता है। अगले दिन लोग इसे प्रसाद के रूप में खाते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार शरद पूर्णिमा सर्दियों की शुरुआत मानी जाती है। यह रात बहुत खूबसूरत होती है। मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात में अमृत वर्षा होती है। इस वजह से लोग रात में चावल की खीर बर्तन में रखकर खुले आसमान के नीचे रखते हैं। अगली सुबह स्नान करने के बाद इसे खाते हैं। मान्यता है कि खीर को चांदी के बर्तन में रखना चाहिए।
खीर मानव शरीर को देती है पोषण
ज्योतिष विद्वानों के अनुसार खीर शरीर को स्वस्थ रखती है। यह प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाती है। यह भी माना जाता है कि चंद्रमा की रोशनी में मौजूद गुण मानव शरीर को पोषण देते हैं।