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ToggleVaranasi Assi Ghat: शारदीय नवरात्रि(Navratri) के महाष्टमी पर श्रद्धालु कुंवारी कन्याओं की पूजा कर रहे थे। वहीं, वाराणसी स्थित अस्सी घाट पर दो महीने की बच्ची को लावारिस छोड़कर उसके परिजन छोड़कर चले गए थे। एक महिला ने मानवता का मिसाल पेश किया और उस बच्ची को अपनाया। बच्ची का नाम अष्टमी रखा। घाट पर भेलपुरी बेचने वाली महिला ने बच्ची को अपनाया है।
वाराणसी में अष्टमी पर्व के दौरान अस्सी घाट पर कलयुगी मां दो माह की नवजात बच्ची को सुबह बनारस मंच के ठीक सामने छोड़कर चली गई। तभी घाट पर मौजूद भेलपुरी लगाने वाली महिला ने नवजात को छोड़कर जाने वाली महिला को भागते हुए देखा और उसे रोकने की कोशिश की। उक्त महिला आवाज को नजरअंदाज कर और तेज भागने लगी।
बच्ची के लिए दूध और कपड़े का इंतजाम
काशी के अस्सी घाट पर भेलपुरी बेचने वाली सविता राय वाराणसी की रहने वाली हैं। उन्होंने बताया कि उनकी एक बेटी है। वह पति के साथ अस्सी घाट पर भेलपुरी बेचकर गुजारा करती हैं। सविता ने बताया कि घाट पर बच्ची मिली थी तो वह सिर्फ कपड़ा पहनी थी, जिससे उसे ठंड लग रही थी। सविता ने बच्ची के लिए कपड़ा और दूध मंगवाया।
पुलिस को दी है सूचना
सविता ने बताया कि बच्ची के मिलने के बाद काफी देर तक इंतजार किया। न महिला वापस आई और न कोई व्यक्ति उसे अपनाने के लिए आया। उन्होंने बच्ची को अपना लिया। उनका कहना है कि बच्ची अष्टमी तिथि को मिली है, जिस चलते उसका नाम अष्टमी रखे। उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों को सूचना देकर शर्त रखी है कि जब बच्ची के माता-पिता आएंगे, तब हम बच्ची को वापस देंगे, नहीं तो उसका पालन-पोषण करेंगे।