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Professor Vikram: आज श्रीकृष्ण होते तो महिलाओं से सेक्सुअल हैरेसमेंट में उन्हें जेल भेज देता, श्रीराम को भी जेल में डालता…जानिए कौन हैं ये प्रोफेसर और क्यों दिया ऐसा बयान

Professor Vikram: आज श्रीकृष्ण होते तो महिलाओं से सेक्सुअल हैरेसमेंट में उन्हें जेल भेज देता, श्रीराम को भी जेल में डालता…जानिए कौन हैं ये प्रोफेसर और क्यों दिया ऐसा बयान

Allahabad University Assistant Professor Vikram Statement on Shri Ram: भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण पर इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. विक्रम(Vikram) हरिजन ने अमर्यादित टिप्पणी की है। प्रो. विक्रम ने सोशल मीडिया पर श्रीराम और श्रीकृष्ण के खिलाफ अमर्यादित बयान दिया है। इसको लेकर प्रयागराज पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है। शहर के कर्नल गंज पुलिस स्टेशन में विक्रम पर मुकदमा दर्ज हुआ है। हिंदू संगठन प्रोफेसर के खिलाफ पुलिस से कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

दरअसल, प्रो. विक्रम(Vikram) ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर 22 अक्टूबर को लिखा था- आज प्रभु श्रीराम होते तो मैं ऋषि शंभूक का वध करने के लिए उनको आईपीसी की धारा 302 के तहत जेल भेज देता। आज वो (श्रीकृष्ण) होते तो मैं महिलाओं के साथ सेक्सुअल हैरेसमेंट के केस में उन्हें भी जेल भेजता।

इतिहास पढ़ाते हैं प्रो. विक्रम

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ विक्रम(Vikram) मध्यकालीन इतिहास पढ़ाते हैं। उन्होंने जब से भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण पर टिप्पणी की है विश्व हिंदू परिषद, हिंदू जागरण मंच और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं में आक्रोश है। इसे लेकर हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने कर्नल गंज पुलिस स्टेशन में लिखित तहरीर देकर सख्त कार्रवाई की मांग की है। पुलिस ने भी प्रोफसर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है।

पुलिस मामले की जांच कर रही: इंस्पेक्टर

हिंदू संगठनों के आरोप हैं कि विक्रम(Vikram) ने यह टिप्पणी कर सामाजिक शांति भंग करने का प्रयास किया है। कर्नलगंज थाने के इंस्पेक्टर गोविंद यादव का कहना है कि पुलिस मामले की जांच कर रही है।

विक्रम(Vikram)अपने बयान पर कायम

प्रो. विक्रम(Vikram) का कहना है कि वह इतिहास के अध्यापक हैं। किताबें पढ़ते हैं। उन्हीं किताबों में जो पढ़ा है, उसके आधार पर उक्त पोस्ट लिखी। इसके पहले भी विक्रम(Vikram) विवादित बयानों को लेकर चर्चा में रहे हैं। उनका वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वह महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता बोलने का विरोध कर रहे थे। वो ज्योतिबा फुले को राष्ट्रपिता कहने की बात कर रहे थे। तब भी बवाल मचा था।

संविधान के दायरे में रहकर टिप्पणी की

डॉ. हरिजन ने कहा-मैंने संविधान के दायरे में रहकर टिप्पणी की है। भगवान राम ने शम्भुक का वध किया था, क्योंकि शम्भुक शूद्र जाति के थे। बच्चों को शिक्षा दे रहे थे। उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण स्त्रियों का वस्त्र लेकर भाग जाते थे। मेरा कहना है कि आज के समय में ऐसा होता तो क्या कोई महिला बर्दाश्त करती?

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