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जेल अधीक्षक की कुर्सी पर विराजे कथावाचक अनिरुद्धाचार्य, लोगों ने कहा- शासकीय नियमों के विरुद्ध

जेल अधीक्षक की कुर्सी पर विराजे कथावाचक अनिरुद्धाचार्य, लोगों ने कहा- शासकीय नियमों के विरुद्ध

मध्यप्रदेश में इस समय हर कोई बस भक्ति भाव में डूबा हुआ नजर आरहा है। प. प्रदीप मिश्रा हो या फिर बागेश्वरधाम सरकार , कथावाचक अनिरुद्धाचार्य हर कोई भक्ति के मार्ग पर ही चलने के लिए और सही मार्ग पर चलने के लिए अपनी कथा के माध्यम से बता रहे है।

वही इन पंडितों में से आए दिन कोई न की सुर्खियों में भी बना रहता है ऐसा ही कुछ देखने को मिला एक बार फिर जब अधीक्षक की कुर्सी पर बैठेकथावाचक अनिरुद्धाचार्य नजर आ रहे हैं। और उनका यह फोटो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद लोग इसे लेकर तरह-तरह की चर्चाएं कर रहे हैं।

शासकीय अधिकारी की कुर्सी पर विभागीय या अन्‍य विभाग के वरिष्‍ठ अधिकारी ही बैठ सकता है

बतादें कि कथावाचक अनिरुद्धाचार्य 8 अप्रैल (april ) को भोपाल (bhopal ) सेंट्रल जेल में प्रवचन करने पहुंचे थे। वही जेल अधीक्षक राकेश भांगरे उन्‍हें अपना सबसे बड़ा गुरु मानते हैं और उन्‍हीं के आग्रह पर कथावाचक अनिरुद्धाचार्य इंदौर (indore) से आकर भोपाल सेंट्रल पहुंचे थे। जहां जा कर उन्होंने ने बंदियों के अलावा जेल के अधिकारियों व कर्मचारियों ने भी उनके प्रवचन सुने।

वही प्रवचन के उपरांत जेल अधीक्षक के आग्रह पर कथावाचक अनिरुद्धाचार्य उनके कक्ष में भी गए और वहां पहुंचकर उन्होंने जेल अधीक्षक के निवेदन पर उनकी कुर्सी पर जाकर बैठ गए उसी समय इसी किसी ने उनकी यह तस्‍वीर ली, जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। वही अब लोग सोशल मीडिया पर उनके इस कृत्‍य को शासकीय नियमों के विरुद्ध बताते हुए तरह-तरह की बाते कर रहे हैं। आप की जानकारी के लिए बतादे कि किसी भी शासकीय अधिकारी की कुर्सी पर उसके अलावा विभागीय या अन्‍य विभाग के वरिष्‍ठ अधिकारी ही बैठ सकता है यह नियम कहता है।

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