मध्य प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र गुरुवार को समाप्त हो गया है। सत्र में कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी के एक आरोप पर सियासत गरमा गई है। शुक्रवार को संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने विधानसभा में पटवारी के आरोप पर पलटवार करते हुए सदन में झूठ बोलने का आरोप लगाया।
कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने गुरुवार को विधानसभा में दस्तावेज दिखाते हुए बीजेपी ऑफिस में कार्यकर्ताओं को सरकारी खर्च पर 90 बार नाश्ता और भोजन कराने का आरोप लगाया था। ये आरोपी उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के संबोधन के दौरान लगाया था। जिसके बाद सीएम ने तुरंत जीतू को जवाब देते हुए कहा था- धन्य हो महाप्रभु, मैं पूरी जिम्मेदारी से कहता हूं कि बीजेपी कार्यालय में सरकार का एक नया पैसा कार्यकर्ताओं के भोजन में नहीं लगाया गया। अंधेरे में लट़्ठ मारते रहते हो मेरे मित्र।
जीतू ने विधानसभा में कहा था- मैं सदन के पटल पर यह जानकारी रखना चाहता हूं कि आपके जनसंपर्क विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक बीजेपी कार्यालय में 90 बार कार्यकर्ताओं को भोजन कराया गया। इसमें बीजेपी कार्यालय लिखा हुआ है और अधिकारियों का साइन किया हुआ है। यदि ये नकली हो तो मेरी सदस्यता निरस्त की जाए। यदि ये सही हो तो उन अधिकारियों को सस्पेंड किया जाए जिन्होंने ये दिया है। मुझे पता था ये आएगा, आप कहो तो सदन के पटल पर रख सकता हूं। मीडिया को भी दे सकता हूं।
जीतू पटवारी द्वारा सदन में लगाए गए आरोपों पर अब बीजेपी हमलावर हो गई है। संसदीय कार्यमंत्री और मुख्य सचेतक नरोत्तम मिश्रा ने शुक्रवार को जीतू पटवारी पर पलटवार करते हुए कहा- इस पवित्र सदन का उपयोग अपने पाप के लिए कोई व्यक्ति कैसे करता है ये कल देखने को मिला। कल सदन की विचित्र स्थिति थी, सरपंच और उपसरपंच दोनों गायब थे। गांव लूटने और श्रेय लेने की होड़ कोई और कर रहा था। अविश्वास प्रस्ताव के दौरान कमलनाथ और गोविन्द सिंह दोनों नहीं थे। कमलनाथ कहते हैं कि सदन में बीजेपी की बकवास सुनने नहीं जाता हूं। कल हमने देखा कांग्रेस के अविश्वास को ही उन्होंने बकवास मान लिया, सुनने ही नहीं आए। कल कांग्रेसियों में होड़ मची थी कौन कितना झूठ बोल सकता है। जीतू पटवारी ने कल सदन में बार-बार जो कहा था उसकी अंतिम चार लाइनें सुनाता हूं- अध्यक्ष महोदय मैं यह पटल पर रखना चाहता हूं जिससे पता चल रहा है कि बीजेपी का 90 बार भोजन भाजपा कार्यालय में हुआ। बीजेपी कार्यालय ही लिखा हुआ अधिकारियों के साइन से दिया हुआ। यदि यह नकली हो तो मेरी सदस्यता निरस्त की जाए।
नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि इससे बड़ा कोई झूठ नहीं हो सकता। ये परिपत्र-अ उन्होंने सदन के अंदर लहराया। इसमें जवाब में परिशिष्ट-अ और परिशिष्ट-ब लिखा हुआ है। ये परिशिष्ट-अ लहरा रहे थे। परिशिष्ट-ब में साफ तौर पर उसका भुगतान बीजेपी द्वारा किया जाना लिखा हुआ है। जब जीतू पटवारी मंत्री थे तब का प्रश्न है। उन्होंने अपनी सरकार से भाजपा को बदनाम करने के लिए ये उत्तर उस समय दिलवाया, क्योंकि 131 करोड़ का घोटाला जनसंपर्क में कमलनाथ की सरकार में हुआ था। उस मुद्दे से भटकाने के लिए ये प्रयास किया गया था। ये उनकी सरकार का सवाल था और उनकी सरकार के जवाब के होते हुए इस सवाल में बीजेपी कहीं नहीं थी। लेकिन सवाल में बीजेपी पूछा गया। इससे समझिए उनकी सरकार में भाजपा पूछने का क्या मतलब था। ये भाजपा को बदनाम करने का एक षडयंत्र था और उसमें वे फंसे इसलिए क्योंकि जनसंपर्क विभाग और जीएडी(सामान्य प्रशासन विभाग) ने जानकारी निरंक लिख दी। ये होटल पलाश के सभी बिल भिजवा दिए। होटल पलाश में तो सरकार, पार्टी और सबके बिल जाते हैं। पार्टी की पूरी रसीदें हैं। ये सभी जानकारी परिशिष्ट ब में लिखी हुई हैं। आप लोग उसे देख सकते हैं।