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अपनों ने किया किनारा, मुस्लिमों ने दिया कंधा और किया अंतिम संस्कार

Coronavirus: कोरोना महामारी की भयावहता ने रिश्तों में दूरियों को इस हद तक बढ़ा दिया है कि लोग अपनों के दुख-दर्द में शामिल होने से कतराने लगे हैं। ऐसा ही एक मामला दिल्ली में सामने आया, जहां पर अपनों ने अंतिम संस्कार करने से इंकार कर दिया तो मुस्लिम समाज के लोग आगे आए और उन्होंने मृतक के सारे क्रियाकर्म किए।

चाय की दुकान चलाते थे मृतक अशोक

गाजियाबाद जिले के मुरादनगर में एक हिंदू चाय विक्रेता की इलाज नहीं मिलने की वजह से मौत हो गई। रिश्तेदारों और पड़ोसियों ने कोरोना के डर से शव के पास फटकना भी उचित नहीं समझा और मृतक के यहां पर कोई नहीं आया। ऐसे में मुस्लिम समाज के लोगों ने आगे बढ़कर उनका अंतिम संस्कार कराया। मुस्लिम समाज के लोगों की इस पहल की काफी प्रशंसा हो रही है। 48 साल के अशोक कश्यप अपने परिवार के साथ रावली मार्ग स्थित चुंगी नंबर तीन में रहते थे। वहीं पर पुलिस चौकी के पास ठेली लगाकर चाय की दुकान चलाते थे।

मुस्लिम समाज ने किया अंतिम संस्कार

अशोक कश्यप के परिवार में पत्नी के अलावा एक बेटा अंशुल है। अशोक को दस दिन पहले बुखार आ गया था। परिजनों ने कॉलोनी में रहने वाले डॉक्टरों को दिखाया। हालात में सुधार नहीं होने पर डॉक्टर ने उनको मोदीनगर या गाजियाबाद के किसी अस्पताल में भर्ती कराने की सलाह दी। काफी कोशिशों के बावजूद उनको अस्पताल में जगह नहीं मिली और उन्होंने घर पर ही दम तोड़ दिया। बेटे अंशुल ने इस बात की सूचना रिश्तेदारों और पड़ोसियों को दी, लेकिन किसी के ना आने पर सभासद जुनैद ने मृतक के अंतिम संस्कार की जिम्मा उठाया और मुस्लिम समाज के लोगों ने लकड़ी व अन्य सामान का इंतजाम किया। इसके बाद इन्ही लोगों ने ही अर्थी को कंधा दिया और राम नाम सत्य बोलते हुए शव को श्मशान घाट तक ले गए। मुस्लिम समाज के लोगों की मौजूदगी में ही पुत्र अंशुल कश्यप ने शव को मुखाग्नि दी।

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