तकनीकी शिक्षा विभाग ने चिकित्सा शिक्षा प्रवेश नियमों में बदलाव कर जारी किया 5 प्रतिशत आरक्षण का आदेश
भोपाल। मध्यप्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़कर निकलने वाले विद्यार्थियों को मेडिकल की पढ़ाई (एमबीबीएस और बीडीएस) में पांच प्रतिशत आरक्षण मिलेगा। इन सीटों पर दाखिले के लिए स्थान रिजर्व रखे जाएंगे। इसके लिए विद्यार्थियों को कक्षा छठी से 12वीं तक विद्यार्थी के तौर पर पढ़ाई करना जरूरी है। राज्य सरकार ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। तकनीकी शिक्षा विभाग ने चिकित्सा शिक्षा प्रवेश नियमों में बदलाव कर नया आदेश राजपत्र में प्रकाशित किया है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में कहा था कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को मेडिकल की पढ़ाई में आरक्षण दिया जाएगा। इसी पर अमल करते हुए नया आदेश जारी किया गया है। नए आदेश के मुताबिक राज्य के सरकारी स्कूलों में कक्षा 6 से 12 तक पढ़ाई की है, उन्हें इस आरक्षण का लाभ मिलेगा। यह लाभ उन बच्चों को भी मिलेगा, जिन्होंने शिक्षा का अधिकार कानून के तहत कक्षा-1 से कक्षा-8 तक निजी स्कूलों में पढ़ाई की है और उसके बाद कक्षा-9 से कक्षा-12 तक की पढ़ाई सरकारी स्कूलों में की है।
महिलाओं को 30 फीसदी आरक्षण
आदेश के मुताबिक, महिला अभ्यर्थियों को सभी कॉलेजों में किसी भी कोर्स में 30% आरक्षण मिलता रहेगा। इसी तरह दिव्यांगों को भी पांच प्रतिशत आरक्षण जारी रहेगा। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और सैनिक अभ्यर्थियों को सिर्फ सरकारी मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में तीन-तीन प्रतिशत आरक्षण मिलेगा। सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को सरकारी के साथ-साथ प्राइवेट मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में पांच प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा।
इस तरह मिलेगा लाभ
आदेश के मुताबिक पात्र छात्रों को जिला शिक्षा अधिकारी, जिला संयोजक या सहायक आयुक्त की ओर से जारी प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा। इसमें बताया जाएगा कि छात्र या छात्रा निर्धारित अर्हता को पूरा करता है और इस योजना के तहत आरक्षण का अधिकार रखता है।