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Manipur Police Go Back: मणिपुर पुलिस गो बैक के लगे नारे-पोस्टर, एनएच-102 पर कुकी भीड़ ने अधिकारियों पर पेट्रोल बम फेंके

Manipur Police Go Back मणिपुर पुलिस गो बैक के लगे नारे-पोस्टर, कुकी भीड़ ने अधिकारियों पर पेट्रोल बम फेंके

Manipur Police Go Back: मणिपुर हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। पुलिस के प्रति लोगों में आक्रोश बढ़ा हुआ है। राजधानी इंफाल से 110 किलोमीटर दूर बसे मोरेह में नफरत का माहौल है। म्यांमार बॉर्डर (Myanmar Border) से सटे मोरेह में सड़कों पर मणिपुर पुलिस गो बैक (Manipur Police Go Back) के पोस्टर लगे हैं। स्थानीय पुरुष और महिलाएं गो बैक मणिपुर पुलिस के नारे लगा रहे हैं। महिलाओं ने पुलिस का रास्ता रोक रखा है।

Manipur Police Go Back: एनएच-102 पर कुकी समुदाय की 100 महिलाओं ने असम राइफल्स के जवानों को भी रोक लिया। उन्हें वहीं रुकना पड़ा। गो बैक स्टेट फोर्स, वी वांट सेपरेट एडमिनिस्ट्रेशन के नारे लग रहे हैं। पत्थर और बांस रखकर रास्ता बंद कर दिया गया है। सैकड़ों महिलाएं बारिश के बीच छाता लेकर सड़क पर डंटी हैं।

सड़क की दिन-रात निगरानी कर रहीं महिलाएं
Manipur Police Go Back: महिलाएं हर दिन-रात सड़क की निगरानी कर रहीं हैं। पुलिस बल एवं अन्य सुरक्षाबलों को रोकने के लिए वह हफ्तों से ऐसा कर रहीं हैं। इन महिलाओं का सबसे अधिक गुस्सा मणिपुर पुलिस फोर्स पर है। वहीं, मुख्य शहर में सन्नाटा पसरा हुआ है। हर 20 मीटर पर सुरक्षाबल तैनात हैं। शहर के दोनों ओर जले हुए घर हैं। कई जगहों पर बैरिकेडिंग और चेकपोस्ट (Checkpost) लगे हैं। यहां उपद्रवियों के लिए सुरक्षाबलों द्वारा चेतावनी भी लिखी हुई है। बैनर पर लिखा है- आप अपनी कार्रवाई बंद करें और यहां से चले जाएं। नहीं तो आपके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और असरदार कार्रवाई होगी।

प्रदेश में हिंसा के 3 महीने पूरे
Manipur Police Go Back: मैतेई समुदाय को एसटी का दर्जा देने की मांग और उसके विरोध में शुरू हुई हिंसा के 3 महीने हो चुके हैं। 3 मई को हिंसा की शुरुआत हुई थी। यह हिंसा कुकी आबादी वाले चुराचांदपुर जिले से भड़की थी। तब से अब तक हिंसा में 160 लोगों की जान जा चुकी है।

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