उज्जैन। उज्जैन में डोल ग्यारस पर महाकाल के सेनापति माने जाने वाले भगवान कालभैरव की सवारी निकाली जाती है। इस वर्ष कोरोना गाइड लाइन के चलते सवारी की अनुमति नहीं दी गई। पुजारी धर्मेंद्र चतुर्वेदी के अनुसार इस मौके पर सिंधिया राजवंश द्वारा भेजी गई नई पगड़ी पहना कर भगवान को पालकी में विराजित कर मंदिर परिसर में ही भ्रमण कराया गया।
भगवान की चरण पादुका का शिप्रा पर पूजन किया जाता है
सवारी के दौरान उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह व एसपी सत्येंद्रकुमार शुक्ला ने भगवान का पूजन किया। भगवान की चरण पादुका का शिप्रा पर पूजन किया जाता है। पादुका को कार से सिद्धवट घाट ले गए, जहां पुजारी सुरेंद्र चतुर्वेदी आदि ने पादुकाओं का पूजन कर आरती की। इस मौके पर सिद्धवट के पुजारी और पुरोहित मौजूद थे। महाकाल के सेनापति की सवारी का भैरवगढ़ केंद्रीय जेल के मेन गेट पर पूजन किया। पुजारी पंडित चतुर्वेदी के अनुसार इसके पहले मंदिर में जेल प्रहरियों ने सवारी को गार्ड ऑफ ऑनर दिया।
मृदुभाषी के लिए उज्जैन से अमृत बैंडवाल की रिपोर्ट