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स्वीकृति के अभाव में खस्ताहाल पड़े स्कूल

स्वीकृति के अभाव में खस्ताहाल पड़े स्कूल

विपिन जैन/बड़वाह – मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार भले ही शिक्षा और स्वास्थ के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्यो का बखान करती हो। किंतु शिक्षा विभाग के अधिकारियों की लापरवाही कहे या उनकी लेट लतीफी। जिसकेकारण आज भी ग्रामीण क्षेत्रों की स्कूलों की दयनीय हालत है। जबकि नवीन शिक्षा सत्र एक जुलाई से प्रारंभ हो रहा है । ऐसे में छोटे छोटे नोनिहालो के माता पिता चिंतित है की जर्जर व खंडहर हो चुके भवनों में बच्चो को बारिश के दिनों में स्कूल केसे भेजे। जिनके गिरने का खतरा हरदम बना रहता हो।

बलवाड़ा संकुल एवम जनशिक्षा केंद्र उमरिया केंद्र के अंतर्गत ग्राम कुराबद के शासकीय प्राथमिक विद्यालय का भवन निर्माणधीन इन्दोर इच्छापुर रोड पर आने के कारण जून 2023 में जमीदोज कर दिया गया था। जिसके बाद इस विधालय में अध्ययनरत लगभग 40 बच्चो की पढ़ाई को लेकर समस्या होने लगी। तब स्कूल को ग्राम के ही जर्जर पड़े एक आँगनवाड़ी केंद्र पर लगवाना शुरू कर दिया। इस भवन की हालत इतने खराब है कि न तो जमीन सही है ,न छत एवम दीवारों का प्लास्टर भी जगह जगह से उखड़ कर गिर रहा है।

हालांकि विभागीय अधिकारियों ने निर्देश दिए है कि जब तक नवीन भवन का निर्माण हो तब तक स्कूल कुरावद से 2 किलोमीटर दूर ग्राम झिगड़ी में लगाया जाए। परन्तु बच्चो के अभिभावक इतनी दूर अपने बच्चो को भेजना नही चाहते। उल्लेखनीय है कि इस विधालय की जमीन रोड निर्माण में अधिग्रहण किये जाने के बाद इसकी मुआवजा राशि के रूप में शासन से लगभग साढ़े चार लाख रुपये पारित भी हो गए है।

नवीन शाला भवन निर्माण के लिए अब अतिरिक्त राशि के लिए शिक्षा विभाग खरगोन को कार्यवाही भी कर दी गई है। परन्तु स्वीकृति के अभाव में मामला अभी अधर में ही है। विधालय निर्माण हेतु शासकीय जमीन भी ग्राम में है ।परन्तु अभी तक निर्माण कार्य की प्रक्रिया प्रारम्भ नही किये जाने से नवीन शिक्षा सत्र में भी बच्चो को इस खंडहर व खस्ताहाल भवन में ही खतरे के बीच अध्ययन करना होगा।

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