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J&K : देश में पहली बार मिला Lithium भंडार, भारत दे सकता चीन-ऑस्ट्रेलिया को झटका

दिल्ली। देश में पहली बार लिथियम का भंडार मिला है। इसकी कैपेसिटी 59 लाख टन है। लिथियम के साथ ही सोने के 5 ब्लॉक भी मिले हैं। लिथियम की यह पहली साइट है, जिसकी पहचान जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने जम्मू-कश्मीर के रियासी में की है। लिथियम एक ऐसा नॉन फेरस मेटल है, जिसका उपयोग मोबाइल-लैपटॉप, इलेक्ट्रिक व्हीकल समेत अन्य चार्जेबल बैटरी बनाने में किया जाता है। यह एक रेअर अर्थ एलिमेंट है। भारत लिथियम के लिए अभी पूरी तरह दूसरे देशों पर निर्भर है।

जम्मू-कश्मीर में मिला 59 लाख टन लिथियम

लीथियम मेटल का भंडार देश के जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश में मिला है. जीएसआई ने अपने बयान में बताया कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर (Northern Union Territory of Jammu and Kashmir) के रियासी जिले (Reasi) में 59 लाख टन लीथियम मेटल (अनुमानित एमाउंट में मिनरल रिसोर्स) का भंडार मिला है. देश में लीथियम का भंडार मिलने से इलेक्ट्रिक व्हीकल सेक्टर और मोबाइल फोन मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को मजबूती मिलने का अनुमान है. लीथियम मेटल की रेगुलर सप्लाई बनाए रखने से इलेक्ट्रिक व्हीकल निर्माण कार्य के लिए प्लान्स बनाने में मदद मिलेगा.

इन देशों से भारत करता है लिथियम का इंपोर्ट

इलेक्ट्रिक व्हीकल और मोबाइल फोन जैसे डिवाइस की बैटरी तैयार करने में लीथियम मेटल का इस्तेमाल किया जाता है. अब तक भारत देश में बैटरी बनाने के लिए ऑस्ट्रेलिया और अर्जेंटिना जैसे देशों से लीथियम का इंपोर्ट (आयात) किया जाता रहा है. लेकिन जम्मू कश्मीर में लीथियम का भंडार मिलने से विदेशी मुल्कों द्वारा इंमोर्ट में गिरावट आएगी. उम्मीद है कि अब भारत लीथियम की मांग को पूरा करने और इलेक्ट्रिक वाहनों व मोबाइल फोन की बैटरी तैयार करने के लिए के लिए जम्मू कश्मीर के लीथियम भंडार पर निर्भर रहेगा.

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