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ToggleWhat is IMEEC Project: देश के ड्रीम प्रोजेक्ट का काम शुरू हो गया है। ड्रीम प्रोजेक्ट भारत मध्य-पूर्व यूरोप आर्थिक गलियारा (IMEEC) का काम है। 8 बंदरगाहों को रेलवे लाइन से जोड़ने वाले इस प्रोजेक्ट पर 3.5 लाख करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इजरायल और हमास युद्ध शुरू होने से इस प्रोजेक्ट पर संकट के बादल मंडरा रहे थे।
भारत सरकार का कहना है कि इजरायल और हमास युद्ध का प्रभाव नहीं पड़ेगा। हाल में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था-आईएमईईसी भारत की पहल है। यह प्रोजेक्ट दीर्घकालिक है। इसका महत्व भी दीर्घकालिक है। अल्पकालिक गड़बड़ियां चिंता का विषय हो सकती हैं, लेकिन हम रास्ता निकाल लेंगे।
36 घंटे में किसी भी बंदरगाह पर पहुंचा जा सकेगा
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि हम आठ बंदरगाहों तक कनेक्टिविटी में सुधार के लिए निवेश बढ़ाएंगे, ताकि हम देश के किसी भी हिस्से से 36 घंटे के अंदर इन बंदरगाहों तक पहुंच सके। आईएमईईसी(IMEEC) का उपयोग कर अपना माल पश्चिम एशिया और यूरोप में तेजी से भेज सके। उन्होंने बताया कि 3.5 लाख करोड़ के निवेश में कई परियोजनाएं हैं, जो पाइपलाइन में हैं। जिन्हें हाल में मंजूरी दी गई है। जैसे 4500 रुपए का सोन नगर-अंडाल लिंक अपग्रेड।
चीन के बीआरआई प्रोजेक्ट का जवाब
पिछले हफ्ते ओवल ऑफिस से अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने आईएमईईसी (IMEEC) को क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट बताया था। उन्होंने कहा था-प्रोजेक्ट संयुक्त राज्य अमेरिका मध्य पूर्व के लिए बेहतर भविष्य बनाने का काम करेगा। बता दें सितंबर में नई दिल्ली में हुए जी-20 सम्मेलन के दौरान भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रोजेक्ट की घोषणा की थी। इसे चीन के बीआरआई प्रोजेक्ट के जवाब के रूप में देखा जा रहा है।
IMEEC प्रोजेक्ट ऐसे करेगा काम
बता दें इस योजना के तहत भारतीय बंदरगाहों से जहाज के जरिए संयुक्त अरब अमीरात में फुजैरा तक माल पहुंचाया जा सकेगा। इसके बाद वहां से कंटेनरों को ट्रेन से इजराइल में हाईफा तक ले जाया जाएगा। हाईफा से, कंटेनर इटली, फ्रांस, यूके और अमेरिका के साथ यूरोप जाएंगे। ग्रीस और उत्तरी अफ्रीखा के बंदरगाहों पर भी कुछ आवाजाही की जा सकती है।