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Heart Attack : व्यक्ति को आया हार्ट अटैक तो स्वास्थ्य सचिव ने CPR देकर बचाई जान, वीडियो वायरल

नई दिल्ली:  Heart Attack : अगर आपको भी अचानक से हार्ट अटैक आ जाए तो ऐसी हालत में डॉक्टर के आने से पहले मरीज को सीपीआर देनी चाहिए. आप सीपीआर देकर मरीज की जान आसानी से बचा सकते हैं।

बतादें कि स्वास्थ्य सचिव यशपाल गर्ग की सूझबूझ से बुधवार को एक व्यक्ति की जान बच गई। काम के सिलसिले में चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड आए व्यक्ति को कुर्सी पर बैठे-बैठे हार्ट अटैक आ गया। गर्ग ने एक मिनट तक कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) देकर उनकी जान बचा ली। इसका वीडियो भी सामने आया है, जो तेजी से वायरल हो रहा है। साथ ही स्वास्थ्य सचिव की सराहना भी हो रही है।

सेक्टर-41ए निवासी जनक कुमार बुधवार को चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड (सीएचबी) के दफ्तर में मकान के उल्लंघन से संबंधित एक केस की सुनवाई के लिए पहुंचे थे। बोर्ड के सचिव के चेंबर में सुनवाई के दौरान सुबह करीब 11 बजे अचानक वह बेसुध होकर गिर गए। उन्हें तुरंत कुर्सी पर बैठाया गया। इसकी जानकारी असिस्टेंट एस्टेट ऑफिसर-3 राजीव तिवारी को मिली तो वह भागते हुए बोर्ड के सीईओ व स्वास्थ्य सचिव यशपाल गर्ग के कमरे में पहुंचे और उनको जानकारी दी।

गर्ग तुरंत मौके पर पहुंचे और कुर्सी पर बैठे व्यक्ति को देखा और उन्हें सीपीआर दिया। करीब आधे मिनट बाद व्यक्ति ने प्रतिक्रिया दी लेकिन जैसे ही हाथ हटाया वो बेसुध हो गए इसलिए फिर से सीपीआर दी। कुछ सेकंड में व्यक्ति ने प्रतिक्रिया दी लेकिन हाथ हटाते ही वह फिर से बेहोश हो गए। तीसरी बार सीपीआर देने के बाद व्यक्ति ने अच्छे से प्रतिक्रिया दी। इसके बाद उन्हें पानी पिलाकर गर्ग की गाड़ी से ही जीएमएसएच-16 ले जाया गया। डॉक्टरों ने कहा कि जनक कुमार को अगर समय पर सीपीआर नहीं दी जाती तो उनकी जान जा सकती थी।

यशपाल गर्ग ने बताया कि उन्होंने सीपीआर की कोई ट्रेनिंग नहीं ली है। एक बार चैनल पर एक वीडियो देखा था। इसमें एक मरीज डॉक्टर के सामने बैठा था और डॉक्टर उसके लिए दवाई लिख रहे थे तभी अचानक मरीज कुर्सी पर से गिर गया। डॉक्टर ने उसे कुर्सी पर सीपीआर दी और मरीज की जान बच गई। लगभग चार महीने पहले महाराष्ट्र में यह घटना हुई थी। गर्ग ने कहा कि भले ही उन्होंने जो सीपीआर का तरीका अपनाया वह उचित नहीं था, मगर यही उस वक्त उनके दिमाग में बिना समय बर्बाद करे जो आया उन्होंने वही करना उचित समझा।

आज हाउसिंग बोर्ड के कर्मचारियों को दी जाएगी सीपीआर की ट्रेनिंग
गर्ग ने कहा कि उन्होंने चटाई मांगी थी लेकिन उसमें समय लग रहा था इसलिए कुर्सी पर बैठाकर ही जनक को सीपीआर दी। कहा कि सही प्रक्रिया के लिए आवश्यक है कि रोगी एक समतल सतह पर हो। इस घटना के बाद से पूरे हाउसिंग बोर्ड में हलचल है इसलिए बोर्ड के कर्मचारियों को गुरुवार को सीपीआर के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। उधर, दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने अपने ट्विटर हैंडल से इस पूरे मामले का वीडियो शेयर कर लिखा है कि हर इंसान को सीपीआर सीखना चाहिए।

क्या होता है सीपीआर
सीपीआर का फुल फॉर्म कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन है। यह इमरजेंसी मेडिकल तकनीक है, जिसके जरिए किसी व्यक्ति की सांस या दिल की धड़कन रुक जाने पर उसकी जान बचाई जा सकती है। जब अचानक हृदय गति रुक जाती है तो इस दौरान मस्तिष्क और फेफड़ों समेत बाकी हिस्सों का खून का दौरान बंद हो जाता है। ऐसे में सीपीआर एक प्राथमिक चिकित्सा का काम करता है। इसके जरिए मरीज की छाती पर दबाव बनाया जाता है, जिससे ब्लड फ्लो को बेहतर बनाने में मदद मिलती है।

जानिए कैसे देते हैं सीपीआर
पीजीआई ट्रामा सेंटर की प्रभारी डॉ. काजल जैन ने बताया कि अगर आपको सीपीआर की ठीक तकनीक पता है तो डॉक्टर तक पहुंचने से पहले आप उस मरीज की जान बचा सकते हैं। इसके लिए मरीज को सतह पर लेटाकर उसकी छाती के ठीक बीचोबीच दोनों हथेलियों से लगातार दबाव देना होता है ताकि हृदय में बंद हुए या धीमे रक्त संचार को पुन: सामान्य किया जा सके।

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