Supreme court on Gyanvapi: ज्ञानवापी (Gyanvapi) परिसर की एएसआई सर्वे (ASI survey) पर रोक लगाने संबंधी मुस्लिम की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने आज खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) के फैसले को बरकरार रखते हुए ज्ञानवापी परिसर में एएसआई सर्वे को जारी रखने का आदेश दिया।
एक दिन पहले यानी गुरुवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) से भी मुस्लिम पक्ष को झटका लगा था। आज सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने स्पष्ट किया कि एएसआई (ASI) ने सर्वे में किसी भी जगह पर नुकसान नहीं पहुंचाए जाने का आश्वासन दिया है। सर्वे से तो साक्ष्य ही सामने आने हैं। ये तो आपके मामले में काम आएगा।
सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने मुस्लिम पक्ष से कहा कि इसमें आप हमारा अयोध्या (Ayodhya) वाला फैसला ही देख लीजिए। प्रत्येक एक प्रक्रिया को चुनौती नहीं दी जा सकती है। इस सर्वे को सील रखने का आदेश दिया जा सकता है, तब तक के लिए जब तक आदेश 7 नियम 11 पर फैसला नहीं हो जाए। इसके साथ शृंगार गौरी (Shringar Gauri) की पूजा की मांग वाली याचिका सुनवाई योग्य है य नहीं, उस पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) अगले सप्ताह फैसला सुनाएगा।
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Toggleदोनों पक्षों के लिए सबूत होगा सर्वे
सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने आज सुनवाई के दौरान कहा कि ज्ञानवापी परिसर (Gyanvapi Campus) का सर्वे दोनों पक्षों के लिए सबूत होगा। कहा कि जीपीआर सर्वे (gpr survey) में एक्सपर्ट मौजूद रहेंगे। उसकी पूरी वीडियोग्राफी होगी। किसी भी तरह की खुदाई कोर्ट के आदेश के बिना नहीं होगी। मुस्लिम पक्ष (Muslim side) के वकील ने कहा कि आपने मस्जिद में फव्वारा के इलाके को संरक्षित रखने का आदेश दिया था। इस पर सीजेआई ने कहा- हमें याद है।
हाईकोर्ट ने एएसआई (ASI) का आश्वासन दर्ज कर रखा है। अब क्या परेशानी है? एएसआई ने कहा है कि कोई भी नुकसान नहीं होगा। सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने यह भी कहा कि हम एएसआई सर्वे (ASI survey) के हाईकोर्ट के आदेश में इस स्टेज पर हस्तक्षेप बिल्कुल नहीं करेंगे।
मुस्लिम पक्ष बोला-सर्वे पुराने दौर के घावों को फिर से हरा करेगा
मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट में कहा कि पुरानी चीजों को कुरदेना 1991 के कानून का उल्लंघन है, जो 1947 में मौजूद धार्मिक स्थलों के चरित्र को बदलने पर रोक लगाता है। कहा कि ज्ञानवापी परिसर में एएसआई सर्वे का उद्देश्य इतिहास के उस दौर में जाने की तरह है कि आज से 500 साल पहले क्या हुआ था। यह पुराने दौर के घावों को फिर से हरा कर देगा।