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जीएसटी परिषद की बैठक: टैक्स में छूट और वापसी में सुधार की सिफारिशें स्वीकार… लेकिन अंतिम निर्णय नहीं

चंडीगढ़। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि जीएसटी परिषद ने कैसीनो, आॅनलाइन गेमिंग, घुड़दौड़ और लॉटरी पर 28 प्रतिशत कर लगाने का फैसला फिलहाल टाल दिया है। संवाददाताओं से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा की अध्यक्षता में मंत्रियों के एक समूह को मूल्यांकन तंत्र पर फिर से विचार करने और 15 जुलाई तक अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है। इस मुद्दे पर फैसला करने के लिए परिषद अगस्त के पहले सप्ताह में फिर से बैठक करेगी। चंडीगढ़ में हुई जीएसटी परिषद की दो दिवसीय बैठक में मंत्री समूह (जीओएम) की रिपोर्ट पर विचार तो किया गया, लेकिन इस बारे में कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया जा सका। दरअसल, गोवा सहित कुछ अन्य राज्य इस बारे में अपनी आपत्तियां दर्ज करना चाहते हैं।

मंत्री समूह ने की थी यह सिफारिश

जीओएम ने सिफारिश की थी कि आॅनलाइन गेमिंग कुल वैल्यूएशन पर कर लगाया जाना चाहिए, जिसमें खेल में भाग लेने पर खिलाड़ी द्वारा दी गई फीस भी शामिल है। रेस कोर्स के मामलों में यह सुझाव दिया था कि जीएसटी दांव के पूरे मूल्य पर लगाया जाए और इसमें सट्टेबाजों द्वारा जिन खिलाडियों का समर्थन किया गया है, उनका भी ध्यान रखा जाए। समिति ने यह भी सिफारिश की थी कि जीएसटी लगाने में कौशल आधारित खेल या चांस आधारित खेल में कोई अंतर नहीं किया जाना चाहिए और इस पर 28 प्रतिशत की उच्चतम दर से कर लगाया जाना चाहिए।

जीएसटी मुआवजे पर नहीं हुआ फैसला

लगभग दर्जन राज्यों ने जीएसटी मुआवजे की अवधि बढ़ाने की मांग की, लेकिन बैठक में इस बात पर कोई फैसला नहीं लिया जा सका। बैठक में कुछ राज्यों ने मुआवजे की व्यवस्था से बाहर निकलने के लिए अपने रेवेन्यू सोर्स विकसित करने की बात कही है। बता दें कि 2017 में जीएसटी लागू होने का बाद राज्यों को राजस्व के किसी भी नुकसान के लिए पांच साल के लिए मुआवजा दिए जाने की बात कही गई थी। यह अवधि 30 जून को समाप्त हो रही है।

अलग चलने वाले राज्यों को चेतावनी

बिहार के पूर्व उपमुख्‍यमंत्री और वस्‍तु एंव सेवा कर अधिनियम को अमली-जामा पहनाने में अहम भूमिका निभाने वाले वरिष्‍ठ भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जीएसटी परिषद के प्रस्तावों से जो राज्‍य अलग चलना चाहते हैं, उन्हें अलग-थलग कर दिया जाएगा। ऐसा इसलिए होगा, क्‍योंकि अन्‍य राज्‍यों के लिए उनके साथ व्‍यापार करना बहुत मुश्किल हो जाएगा।इसलिए किसी भी राज्‍य के लिए जीएसटी के प्रावधानों से उलट निर्णय लेना बहुत मुश्किल कार्य है।

ये चीजें होंगी महंगी

बैठक के पहले दिन जीएसटी काउंसिल ने कई वस्तुओं और सेवाओं पर छूट को खत्म करने के लिए मंत्रियों के पैनल की सिफारिश को स्वीकार कर लिया। पहले से पैक किए गए मांस, मछली, दही, पनीर, मखाना, शहद, गेहूं और अन्य अनाज, गेहूं का आटा, गुड़, मुरमुरा और जैविक खाद जैसी चीजों को जीएसटी से छूट नहीं दी जाएगी और अब इस पर 5 फीसद टैक्स लगेगा। अनपैक्ड, अनलेबल और अनब्रांडेड सामान को जीएसटी से छूट मिलती रहेगी।

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