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अनाथ बच्चों की शिक्षा, आश्रय और आहार की व्यवस्था सरकार करेंगी- सीएम शिवराज सिंह चौहान

इंदौर। अनाथ बच्चों की देखरेख का जिÞम्मा सरकार उठाएगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ऐलान किया कि सिर्फ कोरोना की वजह से अनाथ हुए बच्चे ही नहीं बल्कि मध्य प्रदेश के सभी अनाथ बच्चों की देखरेख का जिम्मा मध्य प्रदेश सरकार उठाएगी। मुख्यमंत्री ने इंदौर में मंगलवार को कहा कि कोविड के चलते अनाथ हुए बच्चों के अलावा भी जो अनाथ बच्चे हैं, उन्हें हम किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ सकते, इसलिए सरकार समाज के साथ मिलकर ऐसे बच्चों की शिक्षा, आश्रय और आहार की व्यवस्था, जीवन व्यापन की संपूर्ण व्यवस्था करेगी।

इसकी बहुत जल्द एक योजना आपके सामने रखेंगे जितना समाज का सहयोग मिलेगा वो ठीक है नहीं तो सरकार पूरी व्यवस्था को निश्चित तौर पर करेगी। अगर पिता कमाऊ हैं वो भी चला गया, घर में कोई नहीं है, इस मामले में बहुत गंभीरता से विचार करके बहुत संवेदनशील फैसला करेंगे। हम ऐसे बच्चों को नहीं छोड़ सकते जो मजबूर और परेशान हों, उस पर भी हम फैसला कर रहें हैं। मुख्यमंत्री चौहान नरसिंह वाटिका में पीएम केयर फॉर चिल्ड्रन एवं मुख्यमंत्री कोविड बाल सेवा के लाभार्थी बच्चों के संवाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर भी मौजूद थे।

आपके साथ मामा है

मुख्यमंत्री चौहान ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि यह कभी नहीं समझना कि हमारा कोई नहीं है, आपके साथ मामा है, पूरी सरकार है। हम बच्चों के अभिभावकों की कमी तो पूरी नहीं कर सकते, लेकिन इतना तो कर ही सकते हैं कि इनकी जिंदगी के कठिन मोड़ को आसान बना सके और बेहतर मार्ग के लिए इन बच्चों के भविष्य को सुरक्षित कर सकें। कोविड का दौर बड़ा ही भयानक था। अपने अभिभावकों को खोने का दर्द मैं भी समझ सकता हूं। मैंने भी बचपन में अपनी मां को खोया है। उन्होंने कहा कि ऐसे बच्चों की 5 हजार रुपए प्रतिमाह की सहायता राशि लगातार जारी रहेगी। साथ ही नि:शुल्क अनाज भी दिया जाना जारी रहेगा । उन्होंने बच्चों से आव्हान किया कि खूब पढ़ना, हिम्मत मत हारना, आगे बढ़ाना, सरकार हर कदम पर आपके साथ है, राह में कोई रोड़ा नहीं आने देंगे, सभी जरूरतें पूरी करेंगे ताकि टैलेंट को पंख लगते रहे।

तनिष्का की मामा से मिलने की इच्छा हुई पूरी

कार्यक्रम के दौरान 12 साल की उम्र में कॉलेज में प्रवेश लेने वाली लाभार्थी तनिष्का ने जब मुख्यमंत्री चौहान को बताया कि जब वह 10 साल की थी, तब से उनसे मिलने की इच्छा रखी हुई थी। मुख्यमंत्री ने उनके सपने के बारे में पूछा, तो तनिष्का ने बताया कि वह जज बनना चाहती है। मुख्यमंत्री बोले मेहनत करो सरकार साथ है। उन्होंने कहा कि अब से मैं हर साल इस बिटिया से मिलूंगा। अन्य लाभार्थी शिखा ठाकुर, खुशी कुशवाह, आकाश सिंह ने मुख्यमंत्री जी और सरकार को दु:ख की घड़ी में योजनाओं के माध्यम से सहारा देने के लिए आभार जताया। इस दौरान मुख्यमंत्री जी ने शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित भी किया।

सीएम ने चलाया ठेला, एकत्र किए खिलौने

बच्चों से संवाद के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गोद ली गई आंगनवाड़ी के बच्चों के लिए खिलौने एकत्र करने शहर में ठेला चलाया। वे लोधीपुरा गली नंबर एक से सीतलामाता बाजार तक घूमे। शाम 6.30 बजे लोधीपुरा पहुंचे सीएम 800 मीटर दूर सीतला माता बाजार तक बच्चों के लिए खिलौने एकत्रित करने के लिए ठेला लेकर घूमे। इस दौरान सीएम ने माइक से कहा कि हार-फूल नहीं चाहिए, बच्चों के लिए खिलौने और जरुरत का सामान चाहिए। इधर शहर को भिक्षुक मुक्त बनाने के लिए मंगलवार को इंदौर में नो भिक्षा, केवल शिक्षा अभियान की शुरूआत की। सीएम ने देश के सबसे स्वच्छ और स्मार्ट शहर इंदौर को भिक्षुक मुक्त बनाने का संकल्प दोहराते हुए कहा कि अब इंदौर की सड़कों पर एक भी भिक्षुक नजर नहीं आएगा। सीएम ने कहा कि जन भागीदारी से शहर में भिक्षुकों के लिए दो आश्रय स्थल शिवधाम और अहिल्याधाम का निर्माण कराया जाएगा। इन आश्रय स्थलों में भिक्षुओं को पुर्नवास किया जाएगा। अहिल्या धाम में महिला और शिवधाम में पुरुष भिक्षुकों को रखा जाएगा।

इंदौर के 418 बच्चों की फीस जमा कराई

क्षेत्रीय सांसद शंकर ललवानी ने बताया कि इंदौर के 418 बच्चों की फीस बतौर जमा कराई गई है । इंदौर के सामाजिक संगठन को हमेशा उसे सामाजिक सरोकार समझा है। उन्होंने उदाहरण दिया कि 1 इंडस्ट्री ने जहां 11 बालिकाओं को गोद लिया है, वहीं जिला प्रशासन के अधिकारी पालक सहपालक नियुक्त होकर इन बच्चों की देखरेख में अपने दायित्व का बखूबी निर्वहन कर रहे हैं । सांसद लालवानी ने कलेक्टर मनीष सिंह की भी प्रशंसा की। जिन्होंने ऐसे बच्चों के नाम उनके पालकों की ढाई करोड़ रुपए की संपत्ति का नामांतरण करवा दिया। इस अवसर पर इंदौर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष जयपाल सिंह चावड़ा, विधायक आकाश विजयवर्गीय सहित राजेश सोनकर, गौरव रणदिवे सहित जनप्रतिनिधिगण और बच्चों के अभिभावकगण मौजूद थे।

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