Mradhubhashi
Search
Close this search box.

भारत में म्युचुअल फंड वितरक के रूप में करियर के सुनहरे अवसर

भारत में म्युचुअल फंड वितरक के रूप में करियर के सुनहरे अवसर

मिस्बाह बक्सामूसा, सीईओ, एन जे वेल्थ फाइनैन्शल प्रोडक्ट स्डिस्ट्रब्यूशन नेटवर्क

आज के इस आधुनिक युग में संपत्ति सृजन के लिए म्युचुअल फंड निवेश सबसे लोकप्रिय साधन के रूप में उभर रहा हैं। पिछले कुछ वर्षों में, म्युचुअल फंड उद्योग ने बहुत ही तेजी से विकास किया है। बाजार अनुसंधान कंपनी मोरडोर इन्टेलिजन्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले दशक (2010-2020) में भारतीय म्युचुअल फंड उद्योग में एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM) में चार गुना वृद्धि देखी गई। 2025 तक, फिर ऐसी ही वृद्धि होने की संभावना है।

पिछले कुछ वर्षों में नए निवेशकों के जुड़ने से इस उद्योग में प्रभावशाली विस्तार हुआ है। ‘म्युचुअल फंड सही हैं’ जैसे अभियान के लिए म्युचुअल फंड संगठन एम्फी प्रशंसा का पात्र है। इस विस्तार में म्युचुअल फंड वितरकों का भी बड़ा योगदान है, जिन्होंने नए निवेशकों को उनकी ज़रूरतों के अनुसार म्युचुअल फंड योजनाओं का चुनाव करने में मदद की है। जैसे कोई नेवीगेशन एप हमें सही स्थान तक पहुँचने में मदद करती है, ठीक उसी तरह म्युचुअल फंड वितरक निवेशकों को निवेश से जुड़े लक्ष्यों को प्राप्त करने का रास्ता दिखते हैं। वे लगातार निवेशकों की जरूरतों और रिस्क प्रोफाइल को समझ कर सही मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।

इस तेज विस्तार के बावजूद, अब भी विकसित देशों की तुलना में भारतीय म्युचुअल फंड उद्योग में एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM) काफी कम हैं। भारत में AUM/GDP 17% है, जब कि यूएस, फ़्रांस, और यूके में यह क्रमश: 140%, 80% और 67% है (एम्फी और वर्ल्ड बैंक, 2021)। फिलहाल भारत में म्युचुअल फंड निवेशकों का कम होना और उद्योग का सकारात्मक अनुमानित विकास यह दर्शाता है कि भविष्य में वितरकों की आवश्यकता बहुत ज्यादा होगी। अपार संभावनाओं के बावजूद, भारत में म्युचुअल फंड वितरकों की संख्या 1.31 लाख से थोड़ी ज्यादा है यानी प्रति 10,000 व्यक्तियों के लिए सिर्फ एक म्युचुअल फंड वितरक (एम्फी, 2022)। यह आँकड़े दर्शाते हैं कि म्युचुअल फंड वितरक के रूप में करिअर की इच्छा रखने वालों के लिए यह एक बेहतरीन अवसर है।

विस्तृत लाभों के मद्देनज़र म्युचुअल फंड वितरण एक आकर्षक व्यवसाय है:

  1. मालिकाना: म्युचुअल फंड वितरण एक ऐसा व्यवसाय है जिसमें आप स्वयं ही अपने मालिक या बॉस होते हैं। कोई मासिक लक्ष्य न होने से वितरक अपनी सुविधा और गति से काम कर सकते हैं। वे अपनी क्षमता और उत्साह के अनुसार अपने व्यापार को बढ़ा सकते हैं और बिना किसी सीमा के अपने व्यापार को मनचाही ऊंचाइयों तक ले जा सकते हैं।
  2. अनूठी कमीशन पर आधारित आय: म्युचुअल  फंड वितरकों की कमीशन को ट्रैल कमीशन कहा जाता है। मासिक आधार पर दी जाने वाली यह कमीशन काफी अनूठी होती है। इसकी गणना ग्राहक के निवेश के बाजार मूल्य पर की जाती है और यह निवेशक के निवेशित बने रहने तक प्राप्त होती रहती है। समय के साथ, निवेश के मूल्य में वृद्धि होने पर वितरक की कमीशन भी बढ़ जाती है।
  3. संतुष्टि: आर्थिक लाभों के साथ, म्युचुअल फंड वितरण के व्यवसाय में एक अलग तरह की संतुष्टि होती है। वितरकों के पास अपने ग्राहकों के जीवन में कई तरह से सार्थक प्रभाव डालने का अवसर होता हैं। जैसे निर्णय लेने में मदद करना, अनिश्चित के दौर में सहायता देना, समस्याओं का समाधान करना, और उनके सपनों को साकार करने में भी मदद करना। निवेश की इस जटिल दुनिया में, निवेशकों को हमेशा ही सही मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है। ऐसे में, सही म्युचुअल फंड वितरक उनपर एक ठोस और दीर्घकालीन वित्तीय प्रभाव छोड़ सकते हैं।  

कुल मिला कर, म्युचुअल फंड वितरण एक फायदेमंद व्यवसाय है, जिसमें व्यक्तिगत और वित्तीय दोनों प्रकार की संतुष्टि प्राप्त होती है। वितरक एएमसी से सीधे जुड़ सकते है और वे ऐसे राष्ट्रीय वितरकों से भी जुड़ सकते हैं जो तकनीकी सहायता, ग्राहक सेवा और विपणन जैसी सेवाएं प्रदान करते हैं। 18 वर्ष या उससे अधिक आयु का कोई भी व्यक्ति जैसे कॉलेज विद्यार्थी, ग्रहणी आदि, NISM V-A म्युचुअल  फंड वितरण परीक्षा पास करने के बाद एम्फी पर पंजीकरण करवा कर यह व्यवसाय शुरू कर सकता है। एम्फी के अनुसार, इस दशक के अंत तक भारत में म्युचुअल  फंड उद्योग में AUM के 100 ट्रिलिऑन पार करने के संभावना है। ऐसे में, इस व्यवसाय में कदम रखने के इच्छुक व्यक्तियों के लिए यह एक व्यापक करिअर विकल्प है।

हम आशा करते हैं कि इस लेख के माध्यम से आपको म्युचुअल फंड वितरण व्यवसाय को देखने का एक स्पष्ट नज़रिया मिलेगा। साथ ही, इस भरोसेमंद उद्योग में शामिल होने प्रेरणा भी मिलेगी।  

ये भी पढ़ें...
क्रिकेट लाइव स्कोर
स्टॉक मार्केट