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नसीहत: विपक्ष पर विकास कार्यों में अड़ंगा डालने का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री ने राजनीतिक दलों को दिखाया आइना

कानपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर विकास कार्यों में अड़ंगा डालने का आरोप लगाते हुए सोमवार को कहा कि हर राजनीतिक दल का दायित्व है कि वह किसी पार्टी और व्यक्ति के विरोध को देश की मुखालफत में न बदले। प्रधानमंत्री ने समाजवादी पार्टी के पूर्व राज्यसभा सदस्य हरमोहन सिंह यादव की 10वीं पुण्यतिथि पर कानपुर में आयोजित गोष्ठी में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दिए संबोधन में कहा कि हाल के समय में विचारधारा या राजनीतिक स्वार्थ को समाज और देश के हित से भी ऊपर रखने का चलन शुरू हो गया है। विपक्षी दल कई बार तो सरकार के कामकाज में सिर्फ इसलिए अड़ंगा डालते हैं, क्योंकि जब वे सत्ता में थे, तब अपने द्वारा लिए गए फैसलों को लागू नहीं कर पाए। अब अगर इन फैसलों का क्रियान्वयन होता है तो वे उसका विरोध करते हैं। देश के लोग इसे पसंद नहीं करते।

विचारधाराओं का अपना स्थान

पीएम मोदी ने नसीहत देते हुए कहा कि विचारधाराओं का अपना स्थान है और होना भी चाहिए। राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं भी हो सकती हैं, लेकिन देश सबसे पहले है। उन्होंने कहा कि लोहियाजी का मानना था कि समाजवाद समानता का सिद्धांत है। वे सतर्क करते थे कि समाजवाद का पतन उसे असमानता में बदल सकता है। हमने भारत में इन दोनों परिस्थितियों को देखा है। पीएम मोदी ने कहा कि हमने देखा है कि भारत के मूल विचारों में समाज वाद-विवाद का विषय नहीं है। हमारे लिए समाज हमारी सामूहिकता और सहकारिता की संरचना है।

समाज हमारा संस्कार और स्वभाव

पीएम ने कहा कि समाज हमारा संस्कार है, संस्कृति है, स्वभाव है। इसलिए लोहियाजी भारत के सांस्कृतिक सामर्थ्य की बात कहते थे। उन्होंने रामायण मेला शुरू कर हमारी विरासत और भावनात्मक एकता के लिए जमीन तैयार की थी। गौरतलब है कि हरमोहन सिंह यादव की पुण्यतिथि पर इस कार्यक्रम का आयोजन उनके बेटे और सपा के राज्यसभा सांसद चौधरी सुखराम सिंह यादव ने किया था। सुखराम के बेटे मोहित यादव पिछले विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हो गए थे।

लोकतंत्र की वजह से दलों का अस्तित्व

प्रधानमंत्री ने सामाजिक जीवन में हरमोहन सिंह यादव के आदर्शों की सराहना करते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी कहते थे कि सरकारें आएंगी-जाएंगी, पार्टियां बनेंगी-टूटेंगी, मगर यह देश रहना चाहिए। यही हमारे लोकतंत्र की आत्मा है। व्यक्ति से बड़ा दल, दल से बड़ा देश है। दलों का अस्तित्व लोकतंत्र की वजह से ही है और लोकतंत्र का अस्तित्व देश की वजह से है। प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि हमारे देश में अधिकांश पार्टियों ने विशेष रूप से सभी गैर-कांग्रेसी दलों ने इस विचार को निभाया भी है। मुझे याद है, जब 1971 में भारत-पाकिस्तान का युद्ध हुआ था, तब सभी प्रमुख पार्टियां सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी हो गई थीं।

सिख विरोधी दंगों का जिक्र

मोदी ने 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों में यादव के प्रतिरोध का जिक्र करते हुए कहा कि हरमोहन सिंह यादव ने न केवल उस संहार के खिलाफ राजनीतिक निर्णय लिया, बल्कि सिख भाई-बहनों की रक्षा के लिए सामने आकर लड़ाई भी लड़ी। अपनी जान पर खेलकर उन्होंने कितने ही सिख परिवारों की जान बचाई। देश ने भी उनके नेतृत्व को पहचाना और उन्हें शौर्य चक्र दिया गया।

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