लाइसेंसी शराब ठेकेदार सिद्धार्थ जायसवाल की पुलिस को जारी है चुनौती, 20 जून को पेश होने की रखी कोर्ट में पेशकश
आशीष यादव/धार – प्रदेश में सरकार अवैध शराब पर अकुंश लगाने की बात कह रही है। इसके लिए सख्त कदम उठाए जा रहे है। लेकिन धरातल पर हालात बिल्कुल उलटे नजर आते है। लेकिन जिले की सागौर पुलिस इस पर बट्टा लगाने पर अमादा है। सागौर पुलिस में पदस्थ थाना प्रभारी और अन्य स्टॉफ छोटे-मोटे अपराधियों की धरपकड़ कर वाहवाही तो लूटती है, लेकिन जिले में अवैध शराब के कारोबार पर बढ़ावा देने वाले सफेदपोश शराब माफिया पर कार्रवाई करने में सक्षम नहीं दिख रही है। यहीं कारण है कि बीते एक साल से फरार शराब माफिया अब तक पुलिस की आंख में धूल झौंककर शराब का कारोबार बखूबी करता आ रहा है।
भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान अवैध शराब पर रोकथाम के लिए पुलिस को फ्री हैंड कर चुके है। इसका असर धार के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह की ज्वाइनिंग के बाद से अब तक देखने को भी मिला है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सिंह की सोशल पुलिसिंग की रणनीति के चलते अब तक का सबसे बड़ा शराब का जखिरा पुलिस ने पकड़ा। इससे धार पुलिस का नाम प्रदेश स्तर तक पहुंचा और पुलिस की छवि बेहतर और विश्वसनीय हुई।
इससे आम लोगों में पुलिस को लेकर विश्वास बढ़ा है। लेकिन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सिंह की नीतियों पर पानी फेरने का काम सागौर पुलिस कर रही है, जो अवैध शराब के केस में फरार चल रहे इनामी आरोपी सिद्धार्थ जायसवाल को गिरफ्तार नहीं कर पाई है।
राजगढ़ में ही घूमता था अवैध शराब का आरोपी :
अवैध शराब केस में फरार चल रहे सिद्धार्थ जायसवाल को फरारी काटते हुए एक साल पूरा होने आया है। 12 जुलाई 2022 को सागौर पुलिस ने अवैध शराब की पिकअप पकड़ी थी। जिसमें सिद्धार्थ जायसवाल को भी अवैध शराब के मामले में आरोपी बनाया था। तब से लेकर अब तक अपने रसूख का इस्तेमाल कर आरोपी जायसवाल फरार चल रहा है और अपने शराब के कारोबार को चला रहा है। जून के पहले तक शराब माफिया जायसवाल राजगढ़ में ही सक्रिय था और खुला घूम रहा था।
कलमकारों की सक्रियता के चलते शराब माफिया जायसवाल को भूमिगत होना पड़ा। इसके बाद अग्रीम जमानत के प्रयास शुरू हुए तो उसमें भी शराब माफिया को सफलता नहीं मिल पाई। लेकिन शराब माफिया जायसवाल ने कोर्ट में अभिभाषक द्वारा 20 जून तक पेश होने की बात कही थी, उस पर अब तक कोई हलचल नहीं दिखी है। बताया जा रहा है कि अब भी शराब माफिया सिद्धार्थ जायसवाल फरार ही है।
यह है मामला :
12 जुलाई 2022 को लेबड़-मानपुर फोरलेन पर पुलिस नेे पिकअप क्रमांक एमपी-10-जी-1648 से भूसे के बीच छिपाकर रखी अवैध शराब की 153 पेटी जब्त की थी। इस शराब की कीमत 3 लाख 67 हजार के आसपास थी। पुलिस ने अवैध शराब की तस्करी करने के मामले में पिकअप चालक मंजित पिता तेजसिंह बरेडि़या को गिरफतार कार पूछताछ की तो पता चला कि यह शराब मंजित ने मानपुर जिला इंदौर टोल टैक्स नाका के पास ग्राम खेड़सिहोद स्थित लाइसेंसी शराब ठेकेदार सिद्धार्थ जायसवाल निवासी राजगढ़ हालमुकाम इंदौर की दुकान से भरी थी।
इस मामले में पुलिस ने जायसवाल सहित सेल्समैन बजरंग उर्फ संतोष जायसवाल को भी आरोपी बनाया। जांच में पता चला कि शराब ठेकेदार जायसवाल ने सेल्समैन बजरंग के साथ मिलकर दिनेश पंवार के वाहन में भरकर राजगढ़ ले जाने के लिए शराब दी थी। इस मामले में पुलिस ने सभी को आरोपी बनाया था।
सफलता या असफलता :
सागौर पुलिस ने चोरी व नकबजनी के फरार आरोपी कैलाश पिता रतन मसानिया निवासी नाग टेकरी मोती नगर सागौर को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की थी। इसे अवैध कच्ची शराब के साथ पुलिस ने पकड़ा था। लेकिन सागौर पुलिस के लिए यह सफलता काफी छोटी है। सागौर पुलिस की असल सफलता शराब माफिया सिद्धार्थ जायसवाल हो सकती है, जिसकी गिरफ्तारी से सागौर के साथ धार पुलिस की भी वाहवाही होगी।
इनका कहना :
सागौर थाना प्रभारी राजकुमार भदौरिया का कहना है कि आरोपी सिद्धार्थ जायसवाल की गिरफ्तारी के लिए टीम गठित की है। लगातार टीम गिरफ्तारी के प्रयास कर रही है। इसमें राजगढ़ पुलिस की भी मदद ली है। दबाव बनाकर शादी भी कैंसिल करवाई है।