47 लाख रुपए से अधीक की मशीन पहुंची जिला अस्पताल, सेंकड में मरीज के अंगों को स्कैन कर मशीन कंप्यूटर स्क्रीन पर दर्शाएंगी तस्वीरें
कम समय में अधिक मरीजों की हो सकेगी जांच
धार/जिला चिकित्सालय में जल्द ही मरीजों को आधुनिक एक्सरें मशीन की सुविधा मिलेगी। राज्य सरकार द्वारा आधुनिक डीआर यानी डिजीटल रेडियोंग्राफी एक्सें मशीन अस्पताल को उपलब्ध कराई गई है। यह मशीनें जल्द ही ट्रामा सेंटर में पुराने एक्सरें वार्ड के समीप इंस्टॉल की जाएगी जिसे लेकर वार्ड में निर्माण से लेकर अन्य तैयारियां की जा रही है। अभी जिला अस्पताल में एक ही पुरानी सीआर मशीन होने से मरीजों को लंबा इंतजार करना पडता है।
जिला अस्पताल में आधुनिक एक्सरें मशीन के इंस्टॉलेशन से मरीजों को कतार से काफी राहत मिलेगी। मौजूदा स्थिति में अस्पताल में 90 से 100 एक्सरें ही हो पाते है जिससे समय ज्यादा लगने के साथ ही रिपोर्ट तैयार करने में देरी लगती है जिससे दूर-दाराज से आने वाले मरीजों को परेशान होना पड़ता है।
47 लाख रुपए से अधिक की मशीन पहुंची :
जिला अस्पताल में नई डीआर यानी डिजीटल रेडियोंग्राफी एक्सें मशीन मशीन पहुंच चुकी है जिसकी कीमत 47 लाख रुपए से अधिक की बताई जा रही है। मशीन के लगने से कम समय में अधिक मरीजों को एक्सरें किया जा सकेगा। पुरानी सीआर मशीनों में कैसेट का उपयोग किया जाता है जबकि आधुनिक नई डीआर मशीन ऑटेमेटिक कार्य कर एक्सरें कर सकती है।
माइनर फैक्चर भी आसानी से बताएंगी डीआर मशीन :
जिला अस्पताल के प्रभारी रेडियोग्राफर सोधान सिंह सिसोदिया ने बताया कि पुरानी सीआर मशीन से नई डीआर मशीन काफी आधुनिक होगी यह मशीन माइनर से माइनर फ्रैक्चर को भी असानी से कैप्चर कर सकेंगी जिससे मरीजों को हड्डी से संबंधित उपचार में सहायत मिलेगी साथ ही साथ ही कर्मचारियों को भी एक्सरे करने में सहूलियत होगी।
बढ़ेगी भी क्लेरिटी :
नई डीआर सिस्टम मशीन से एक्सरे करने में इमेज, शार्पनेस एवं क्लेरटी बढ़ जाएगी। डीआर मशीन के उपर मरीज को लैटाते ही कुछ ही सेंकड में मरीज के अंगों को स्कैन कर मशीन कंप्यूटर स्क्रीन पर एक्सरें को दर्शा देंगी। गंभीर मरीज का एक्सरे करने के तुरंत बाद चिकित्सकों को मेल में इमेज भेज दिया जाएगा जिसके अनुसर मरीजों का इलाज तुरंत शुरू कर दिया जाएगा।
दीवारों की बढाई मोटाई :
जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर में नई डीआर मशीन सिस्टम के इंस्टालेशन से पहले वार्ड की दीवारों की मोटाई बढाई जा रही है साथ ही सिविल वर्क भी कराया जा रहा है जिससे मशीन ने निकलने वाली किरणें बाहर नही जा सकें। दीवारों की मोटाई और इलेक्ट्रानिक कार्य पूर्ण हो जाने के बाद इंजीनियर इसे इंस्टाल करेंगे।
रेडियोग्राफर की कमी :
जिला अस्पताल में वर्तमान में 90 से 100 एक्सरें रोजना होते है। पुरानी मशीन पर 4 रेडियोग्राफरों की शिफ्त में ड्यूटी लगाइ्र जाती है, ऐसे में किसी भी रेडियोग्राफर से अवकाश पर जाने से व्यवस्थाएं बिगड जाती है। नई डीआर मशीन के इंस्टालेशन के बाद जिला अस्पताल में रेडियोग्राफरों के बढाने की भी आवश्यकता होगी।