Mradhubhashi
Search
Close this search box.

126 साल की ढकल गांव की रामलीला

126 साल की ढकल गांव की रामलीला

दूर-दूर से ग्राम ढकलगांव में रामलीला का मंचन देखने आते हैं लोग

सनावद/ ढकलगांव- जहां लोग आज के इस आधुनिक युग में टीवी और इंटरनेट के माध्यम से अध्यात्म और संस्कृति के बारे मे जानकारी ले रहे हैं, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी रामलीला का मंचन बच्चों से बड़ों तक का अध्यात्म को जानने का जरिया है। गांव की आस्था और संस्कृति को बचाए रखने के लिए ग्राम ढकलगांव में करीब 126 साल से रामलीला का मंचन किया जा रहा है। भगवान श्रीराम न केवल मर्यादा पुरुषोत्तम हैं, बल्कि भारतीय संस्कृति, सभ्यता व समर्पण के प्रेरणा स्त्रोत भी हैं।

धर्मयुद्ध में अच्छाई की बुराई पर विजय के प्रतीक श्रीराम के चरित्र को जीवन में उतारने की प्रेरणा देती रामलीला में कलाकारों के साथ ही आयोजकों का समर्पण भी साफ नजर आता है। पर्दे के पीछे सेवा का संकल्प न केवल युवाओं को उनकी ओर आकर्षित करता है बल्कि समाज को एक नई दिशा भी देता है। आस्था को ठेस पहुंचाए बगैर श्री बालक रामलीला मंडल के युवा कलाकारों द्वारा निर्बाध मंचन किया जाएगा। इस प्राचीन रामलीला को देखने क्षेत्र के दूर-दूर के गांवों सहित शहरी व ग्रामीणों क्षेत्र के लोग दूर-दूर से आते हैं।
एकता-अखंडता बनाए रखना उद्देश्य

ग्रामीणों ने आपसी सद्भाव, एकता व अखंडता बनाए रखने के उद्देश्य से रामलीला की शुरुआत की थी। ढकलगांव की रामलीला का मंचन पूरे क्षेत्र में अलग पहचान बनाए हुए है। यह रामलीला का 126वां वर्ष है। क्षेत्र के लोगों में अपनापन है, यहां के लोग धार्मिक भावना से ओतप्रोत व शांतिप्रिय हैं। क्षेत्र के रामलीला दर्शक भी मानते हैं कि हमारी सांस्कृतिक धरोहर रामलीला ही है। वे कहते हैं कि मर्यादा पुरुषोत्तम राम और अहंकारी रावण दोनों का ही चरित्र हमें जीवन जीने का मंत्र देता है। राम की तरह जीवन में मर्यादा धारण करने का संदेश रामलीला से मिलता है। रावण का चरित्र यह सीख देता है कि अहंकार में डूबे रहना ठीक नहीं है। ऐसे आयोजन से भारतीय संस्कृति अक्षुण्ण बनाए रखने, धर्म व संस्कृति के प्रति लोगों में आस्था बढ़ाने तथा समाज में आपसी प्रेम व भाईचारा बरकरार रखने में मदद मिलती है। इस आयोजन को कराने वाले बुजुर्ग कार्यकर्ताओं से आधुनिकता के युग में रामलीला मंचन के महत्व पर बातचीत की गई, जिसमें बुजुर्गों ने अपनी- अपनी प्रतिक्रिया रखी।

18 वर्ष की उम्र से जुड़ा हूं
वरिष्ठ मयाराम मलगाया ने बताया कि 18 वर्ष की उम्र से इस कमेटी से जुड़कर मंचन के हर कार्य को बखूबी से अंजाम दे रहे हंै। लोगों की आस्था इस ओर बढ़ी है। वरिष्ठ पदम बिरला ने बताया कि 52 साल से इस कमेटी से जुड़ा हूं। 27 साल तो रामलीला कमेटी का अध्यक्ष रहकर पूरी जिम्मेदारी भी उठा चुका हूं। शुरुआत में जब टीबी का चलन था तो रामलीला के मंचन का क्रेज कम हुआ था, लेकिन यह क्षणिक था। समय के समय लोगों में परिर्वतन आया और फिर क्रेज बढ़ता चला गया।

समय के साथ बढ़ता गया उत्साह
आधुनिक युग में जहां हर ओर डिजिटलाइजेशन को महत्व दिया जा रहा है। वहीं आज भी आस्था और धर्म के प्रति लोगों की सोच वर्षो पुरानी संस्कृति और सभ्यता पर निर्भर है। इंटरनेट के इस युग में रामलीला मंचन का क्रेज बढ़ा है। सालों से कमेटी से जुड़कर मंचन कराने वाले बुजुर्गों की मानें तो आज का युवा हाईटेक तो हुआ मगर अपने धर्म, संस्कृति, संस्कार और सभ्यता को नहीं छोड़ा है। उनकी आस्था समय के साथ बढ़ी है। इसका साक्षात प्रमाण ढकलगांव की रामलीला मंचन के दौरान उमड़ने वाली भीड़ है। रामलीला का मंचन 18 से 26 अप्रैल तक चलेगा। श्री बालक रामलीला मंडल समिति के अध्यक्ष रामलाल गढ़ीवाले हैं। जयराम घाटीवाले, पदम चौधरी, आनंदराम चौधरी, मयाराम मलगायां, रामरतन पटल्या, दिनेश गढ़ीवाले, श्याम गढीवाले, बलीराम मलगाया, रमेश सेजगायां, भैयालाल निरभाणी, नर्मदाशंकर चौधरी, जयशिव चौधरी, मांगीलाल बेड़ावाले,अखिलेश मलगायां, रेवाशंकर बिरला ने कार्यक्रम में शामिल होने की अपील की।

समय के साथ कुछ नहीं बदला है तो वह धर्म है
समय के साथ अगर कुछ नहीं बदला है तो वह वह धर्म व आस्था के प्रति लोगों की सोच है। यह आज भी सालों पुरानी संस्कृति व सभ्यता पर कायम है। ढकलगांव के लोगों में आज भी धर्म, संस्कृति और सभ्यता इस कदर समाहित है कि वह इस आधुनिक युग में भी उससे बाहर नहीं निकल पा रहे है । यही सोच हमारे क्षेत्र व देश को महान बना रही है।
सचिन बिरला, विधायक बड़वाह

लोगों की तादाद बढ़ती जा रही
32 साल से इस समिति से जुड़कर ग्राम में रामलीला का मंचन करा रहा हूं। हर साल होने वाले इस मंचन को देखने के लिए लोगों की तादाद बढ़ती ही जाती है। टीवी-मोबाइल के इस दौर में भी रामलीला मंचन का क्रेज कम नहीं हुआ है।
-रामलाल गढ़ीवाले, अध्यक्ष श्री बालक रामलीला मंड़ल ढकलगांव

ये भी पढ़ें...
क्रिकेट लाइव स्कोर
स्टॉक मार्केट