भाजपा-कांग्रेस के लिए सिरदर्द बन रहे छोटे दल और नेता, विधानसभा चुनाव के लिए अभी से नजर आने लगी है पार्टियों की सक्रियता
भोपाल- मध्य प्रदेश का चुनावी माहौल इस बार गजब का देखने को मिलेगा। सभी पार्टियां चाहे वह छोटी हो या बड़ी हो इनकी सक्रियता अभी से देखने को मिलने लगी है। राजनीति को समझने वाले वरिष्ठ पत्रकार मानते हैं कि छोटी पार्टियों की सक्रियता कहीं ना कहीं बड़ी पार्टियों पर बड़ा डेंट देकर जाएंगी क्योंकि सभी पार्टियां एसटी,एससी ओबीसी और आदिवासी वर्ग को साधने के लिए लगी हुई हैं।
मध्यप्रदेश में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं छोटी पार्टियां और कई नेता भाजपा-कांग्रेस को आंख दिखा रहे हैं। कुछ महीनों की बात कर ली जाए तो मध्यप्रदेश में छोटी पार्टियों की सक्रियता ज्यादा बढ़ गई है।
सबसे पहले आदिवासी संगठन जयस की बात करें तो संगठन को 10 साल पूरे हो चुके हैं। पार्टी के नेता 10 साल होने पर बड़ा कार्यक्रम कर शक्ति प्रदर्शन करने के विचार में है। लेकिन संगठन में बीते विधानसभा चुनाव के दौरान फूट आ गई थी। जयस के दो गुट मध्यप्रदेश में देखने को मिलते हैं। एक गुट जिसके राष्ट्रीय अध्यक्ष लोकेश मुजाल्दा हैं। उन्होंने आने वाली 16 मई को भोपाल में बड़े आयोजन का ऐलान किया है। वहीं बताया जा रहा है कि पार्टी मध्यप्रदेश में 120 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। जयस का दूसरा गुट 16 मई को इंदौर में बड़ा शक्ति प्रदर्शन कर सकता है।
विंध्य क्षेत्र के नेता त्रिपाठी ने किया पार्टी का ऐलान
विंध्य क्षेत्र के बड़े नेता और मेहर से भाजपा के विधायक नारायण त्रिपाठी ने भी चुनाव को लेकर अपनी पार्टी का ऐलान कर दिया है। त्रिपाठी ने कहा है कि वह विंध्य क्षेत्र में लगभग 30 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए जा रहे हैं। ऐसे में भाजपा के लिए नारायण त्रिपाठी सर दर्द बनते हुए नजर आ रहे हैं। दरअसल नारायण त्रिपाठी का विंध्य क्षेत्र में काफी दबदबा है। और वह कई पार्टियों से विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। उन्हें हमेशा जीत हासिल हुई है। ऐसे में लंबे समय से वह विंध्य प्रदेश की मांग कर रहे हैं लेकिन उनकी मांगों को सुना नहीं गया है। ऐसे में अब अलग पार्टी बनाकर 30 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद भाजपा उनसे नाराज है।
केजरीवाल की चुनावी रणनीति वाली टीम सक्रिय
आम आदमी पार्टी मध्यप्रदेश में हुंकार भर चुकी है। आप ने जो सदस्यता अभियान चलाया था।उसमें मध्य प्रदेश की जनता ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया है। ऐसे में पार्टी ऐलान कर चुकी है कि वह मध्य प्रदेश की सभी विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। गौरतलब है कि आप के मुखिया अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवत मान मध्य प्रदेश के प्रभारी बनाए गए संदीप पाठक प्रदेश में बडी सभा कर चुके हैं। सूत्रों की मानें तो दिल्ली से अरविंद केजरीवाल की चुनावी रणनीति वाली टीम मध्यप्रदेश में सक्रिय है।
भीम आर्मी और सपा से हो सकता है गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का गठबंधन
गोंडवाना गणतंत्र पार्टी भी मध्यप्रदेश में सक्रियता बढ़ रही है 128 विधानसभा सीटों पर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए जा रही है सूत्रों की मानें तो गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का गठबंधन भीम आर्मी जिस के संस्थापक चंद्रशेखर रावण और समाजवादी पार्टी से हो सकता है तीनों के बीच में चर्चा चल रही है कि वह कितनी सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार सकते हैं वहीं अखिल भारतीय गोंडवाना पार्टी सक्रियता भी मध्यप्रदेश में ज्यादा देखने को मिल रही है। दरअसल अमरवाड़ा से विधायक रहे मनमोहन शाह बट्टी की बेटी मोनिका सक्रिय नजर आ रही है। आंबेडकर जयंती पर हुए कार्यक्रम में वह चंद्रशेखर रावण के साथ में नजर आई थी। खुद मोनिका इस संगठन की राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। सूत्रों की मानें तो वह छिंदवाड़ा के विधानसभा क्षेत्र अमरवाड़ा से चुनावी मैदान में उतरेगी।
मप्र में पांच जगह बड़ी सभाएं कर सकती हैं मायावती
बसपा भी ऐलान कर चुकी है कि वह मध्य प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। आने वाले समय में बसपा के बड़े नेताओं की सक्रियता मध्यप्रदेश में देखने को मिल सकती है। बसपा की प्रमुख मायावती विधानसभा चुनाव के दौरान मध्यप्रदेश में 5 जगहों पर बड़ी सभाएं कर सकती हैं। ऐसे में दोनों बड़ी पार्टियों के लिए बसपा चिंता का विषय बनी हुई है। मध्य प्रदेश में बसपा की सक्रियता है। दो विधायक मध्यप्रदेश में बसपा के आए थे हैं। लेकिन राष्ट्रपति चुनाव से ठीक पहले बसपा के विधायक संजीव सिंह ने भाजपा का दामन थाम लिया था। ग्वालियर चंबल क्षेत्र में ज्यादा सक्रियता बसपा की देखने को मिलेगी।