दरअसल, मैच में 151 रनों के टारगेट का पीछा करने उतरी जिम्बाब्वे टीम को आखिरी ओवर में 16 रनों की जरूरत थी. यह ओवर ऑफ स्पिनर मोसद्देक हुसैन ने कराया. क्रीज पर रेयान बर्ल और ब्रैड इवांस मौजूद थे. इस ओवर में जिम्बाब्वे ने 5 बॉल पर 11 रन बना दिए, लेकिन 2 विकेट भी गंवा दिए थे.
ऐसे में अब मैच आखिरी बॉल पर टिक गया, जिस पर जिम्बाब्वे को 5 रनों की जरूरत थी. क्रीज पर नए बल्लेबाज ब्लेसिंग मुजारबानी मौजूद थे. उन्होंने आगे बढ़कर लंबा शॉट लगाने की कोशिश की, लेकिन बॉल बांग्लादेश के विकेटकीपर नुरुल हसन के हाथों में आ गई और उन्होंने बगैर देरी किए स्टम्प आउट कर दिया. इस तरह यहां बांग्लादेश ने 4 रनों से मैच जीत लिया था. सभी प्लेयर खुशी मनाते हुए पवेलियन जा रहे थे, तभी फील्ड अंपायर ने एंट्री की.
अंपायर ने आखिरी गेंद को नोबॉल करार दिया और सभी को वापस मैदान पर बुलाया. बांग्लादेश औऱ जिम्बाब्वे के खिलाड़ियों के साथ फैन्स को भी कुछ समझ नहीं आया कि आखिर हुआ क्या है. जिम्बाब्वे खुश था, तो बांग्लादेशी टीम थोड़ी दुखी और कन्फ्यूज थी. तब अंपायर ने उन्हें सारा माजरा समझाया और आखिरी बॉल कराई, जिसमें जिम्बाब्वे को अब 4 रनों की जरूरत थी.बता दें कि अंपायर ने आखिरी बॉल का फैसला थर्ड अंपायर को रेफर किया, जिसमें पता चला कि बांग्लादेशी विकेटकीपर ने होशियारी दिखाते हुए स्टम्प आउट करने के लिए बॉल को स्टम्प के आगे से पकड़ा था. बस फिर क्या था, अंपायर ने इसे नोबॉल करार दिया और एक रन जिम्बाब्वे के खाते में जोड़ दिया.
जब आखिरी बॉल कराई गई, तब भी मुजारबानी ही बल्लेबाजी कर रहे थे और वह उस जीवनदान का फायदा नहीं उठा सके. इस बार बांग्लादेश ने कोई गलती नहीं की और 3 रनों से मैच जीत लिया. मैच में आखिरी बॉल पर काफी ड्रामा हुआ.