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ताजमहल या तेजोमहालय क्या है बंद 22 कमरों का रहस्य ?

ताजमहल के 22 कमरों को खोलने को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में भाजपा नेता डॉ. रजनीश सिंह ने याचिका दायर की है। याचिका दायर होने के बाद इन 22 कमरों के रहस्य को लेकर लोगों में उत्सुकता है। अगर याचिका स्वीकार होती है और भविष्य में इन 22 कमरों को खोला जाता है, तो क्या इन कमरों से कोई ऐसा रहस्य निकलेगा जो चौंकाने वाला होगा?

ताजमहल के 22 कमरों में खोलने और इनकी जांच के लिए समिति गठित करने की मांग को लेकर याचिका दायर की गई है। याचिका दायर होने बाद एक बार फिर ताजमहल और तेजोमहालय का विवाद सुर्खियों में आ गया है। इतिहासविद् राजकिशोर के अनुसार ताजमहल में मुख्य मकबरे और चमेली फर्श के नीचे 22 कमरे बने हैं, जिन्हें बंद कर दिया गया है। उनका कहना है यह कमरे मुगल काल से बंद हैं। साल 1934 में भी इनको केवल निरीक्षण के लिए देखा गया था कि उनकी हालत कैसी है। मगर, इसका कहीं भी कोई उल्लेख नहीं है।

चमेली फर्श पर यमुना किनारा की तरफ बेसमेंट में नीचे जाने के लिए दो जगह सीढ़ियां बनी हुई हैं। इनके ऊपर लोहे का जाल लगाकर बंद कर दिया गया है। 40 से 45 साल पहले तक सीढ़ियों से नीचे जाने का रास्ता खुला हुआ था। वहीं, आखिरी बार इन कमरों को 88 साल पहले 1934 में खोला गया था। इसके बाद 2015 में मरम्मत कार्य के लिए कुछ कमरों को गोपनीय रूप से खोलने की जानकारी मिली थी। मगर, पिछले 88 साल में ये कमरे सार्वजनिक रूप से नहीं खुले हैं। उनका मानना है कि अगर इन कमरों को खोलकर इनकी निष्पक्ष जांच होती है, तो कुछ नया रहस्य सामने आ सकता है।

ताजमहल या तेजोमहालय का विवाद इतिहासकार पीएन ओक की किताब “ट्रू स्टोरी आफ ताज’ के बाद शुरू हुआ था। इतिहासविद् राजकुमार का कहना है कि ओक ने अपनी किताब में ताजमहल के शिव मंदिर होने से संबंधित कई दावे किए थे। उन्होंने अपनी किताब में राजा जय सिंह के फरमानों का जिक्र करने के साथ स्थापत्य कला का उदाहरण दिया था। इसके अलावा ताजमहल में गणेश, कमल के फूल और सर्प के आकार की कई आकृतियां दिखाई देती थीं।

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