High Court Verdict on Uterus Scam: बिहार घोटालों के लिए मशहूर है। यहां एक से बढ़कर एक घोटाले होते हैं। चारा घोटाला तो पूरा देश जानता है। रेल पटरी घोटाला, रेल इंजन घोटाला, भर्ती घोटाला तो आम बात है। यहां गर्भाशय घोटाला हो चुका है। जी हां! महिलाओं के गर्भशाय का घोटला। वो भी एक-दो महिलाओं या सैकड़ों महिलाओं की नहीं, हजारों महिलाओं के गर्भाशय का घोटाला हुआ था।
इस पर सोमवार को पटना हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। चीफ जस्टिव केवी चंद्रन की खंडपीठ ने वेटरन फोरम की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए बिहार सरकार को पीड़ित महिलाओं को दी गई क्षतिपूर्ति का विस्तृत ब्योरा मांगा है। इस ब्योरे के लिए चार हफ्तों का समय भी दिया है।
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Toggle27 हजार महिलाओं का हटा दिया था गर्भशाय
पटना हाईकोर्ट ने पिछली सुनवाई में बिहार सरकार को पीड़ितों की सूची और क्षतिपूर्ति देने की जानकारी के लिए मोहलत दी थी। याचिकाकर्ता के वकील दीनू कुमार ने कोर्ट को जानकारी दी थी प्रदेश में 27 हजार महिलाओं के गर्भशाय को अवैध रूप से हटाया गया था। इतना ही नहीं 8 जिलों के 204 महिलाओं को क्षतिपूर्त राश भी नहीं दी गई थी।
पूरा मामला समझें
दरअसल, राष्ट्रीय स्वास्थय बीमा योजना का गलत लाभ पाने के लिए प्रदेश के विभिन्न सरकारी अस्पतालों एवं डॉक्टरों ने बड़ी संख्या में महिलाओं की बगैर सहमति के ऑपरेशन करके उनका गर्भाशय निकाल दिया था। घोटाला उजागर होने पर प्रदेश सरकार को 40 साल तक की उम्र वाली पीड़िताओं को 2 लाख रुपए और इससे अधिक उम्र की महिलाओं को 1.25 लाख रुपए क्षतिपूर्ति देने का आदेश मिला था।