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खतरे में उद्धव सरकार: शिवसेना के मंत्री एकनाथ शिंद ले उड़े सरकार के 35 विधायकों को, सभी को होटल ठहराकर मोबाइल बंद

मुंबई। महाराष्ट्र की सियासत में भी मध्यप्रदेश जैसे हालात बनते दिख रहे हैं। मप्र में 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके साथ 22 कांग्रेसी विधायकों के इस्तीफे के बाद कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गई थी। वैसी ही हलचल महाराष्ट्र की सियासत में दिखाई दे रही है। महाराष्ट्र में सत्ताधारी पार्टी शिवसेना टूट की कगार पर है। उद्धव सरकार के तीन मंत्रियों समेत 35 शिवसेना विधायक बगावत पर उतर आए हैं। कांग्रेस के भी कई विधायकों केभी नाराज होने की खबर है। कहा जा रहा है कि शिवसेना नेता और सरकार के दिग्गज मंत्री एकनाथ शिंदे 35 विधायकों के साथ गुजरात के सूरत में एक होटल में पहुंच गए हैं। शिंदे के साथ शिवसेना के अलावा कुछ निर्दल विधायक भी हैं। महाराष्ट्र सरकार के मंत्री शिंदे और उनके साथ मौजूद विधायकों ने मोबाइल बंद कर लिए हैं। उनसे मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे बात नहीं कर पा रहे हैं। शिंदे का अगला कदम क्या होगा? इससे पहले महाराष्ट्र से दिल्ली तक हलचल तेज हो गई है।

एकनाथ शिंदे ने ट्वीट किया कि हम बालासाहेब के कट्टर शिवसैनिक हैं। बालासाहेब ने हमें हिंदुत्व सिखाया है। हमने बालासाहेब के विचारों और आनंद दीघे साहब की शिक्षाओं पर सत्ता के लिए कभी धोखा नहीं दिया है और न ही कभी धोखा देंगे।
 मुंबई में उठे सियासी तूफान के बीच दिल्ली में हलचल तेज हो चली है। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस मुंबई से दिल्ली रवाना हो गए हैं। इस बीच राकांपा चीफ शरद पवार सामने आए और उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं है। महाराष्ट्र में सरकार गिराने की साजिश पहले भी 3 बार हो चुकी है। उन्होंने कहा कि उद्धव के नेतृत्व में सरकार चलती रहेगी।
वहीं उद्धव ठाकरे अपने गठबंधन को बचाने की कोशिश में लग गए हैं। एनसीपी चीफ शरद पवार जो कि सरकार का हिस्सा हैं, उन्होंने यहां तक कह दिया है कि अगर उद्धव की सरकार गिरती है तो वे विपक्ष में बैठने को तैयार हैं।

शिवसेना ने शिंदे को पद से हटाया

शिवसेना ने एकनाथ शिंदे को अपने विधायक दल के नेता पद से हटाने का फैसला किया है, सेवरी विधायक अजय चौधरी शिवसेना विधायक दल के नए नेता बनाए गए है।

कमलनाथ को बनाया ऑब्जर्वर

कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि महाराष्ट्र में उभरे सियासी संकट पर नजर रखने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी के वरिष्ठ नेता कमलनाथ को आॅब्जर्वर नियुक्त किया है।

भाजपा सरकार बनाने के लिए तैयार

महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि अगर भाजपा को सरकार बनाने के लिए एकनाथ शिंदे से कोई प्रस्ताव मिलता है, तो वे निश्चित रूप से इस पर विचार करेंगे। पाटिल ने दावा किया कि वे एकनाथ शिंदे और शिवसेना के अन्य विधायकों के साथ सूरत जाने के कदम से वाकिफ नहीं थे।

भाजपा ला सकती है अविश्वास प्रस्ताव

अगर बागी नेता एकनाथ शिंदे के साथ 37 विधायक होते हैं तो वे एक नई पार्टी बना सकते हैं। वहीं अगर वे भाजपा को सपोर्ट करते हैं तो विधानसभा में एनडीए के 150 विधायक हो जाएंगे। अगर एनडीए बहुमत का नंबर पा जाती है तो विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाकर उद्धव सरकार गिराई जा सकती है।

बागियों के लिए जारी हो सकता है विप

अगर शिंदे गुट के विधायकों के लिए विप जारी किया जाता है कि सदन में वे उद्धव सरकार के खिलाफ वोट करें तो सरकार गिर सकती है। इसके  अलावा बागी विधायकों को अगर अयोग्य घोषित कर दिया जाता है तो फिर से चुनाव कराने पड़ेंगे।  मौजूदा सरकार का भविष्य इसी बात पर निर्धारित होका कि कितने विधायक उनके समर्थन में हैं।

शिंदे के सामने यह चुनौती

अभी शिंदे के सामने चुनौती है कि उन्हें कम से कम 37 विधायकों का समर्थन मिले। अगर ये विधायक सदन से इस्तीफा दे देते हैं तो सदन की संख्या कम हो जाएगी। इसके बाद सरकार की स्थिति निर्भर करेगी बचे हुए विधायकों की संख्या पर।

नई पार्टी बना सकते हैं शिंदे

अयोग्य घोषित होने से बचने के लिए अगर शिंदे को 37 विधायकों का समर्थन मिल जाता है और वे नई पार्टी बना लेते हैं या फिर भाजपा में शामिल हो जाते हैं तो उद्धव सरकार गिराने के बाद भाजपा उन्हें मुख्यमंत्री बना सकती है।

अगर फेल हो जाएं शिंदे के इरादे

अगर एकनाथ शिंदे 37 विधायकों का समर्थन नहीं जुटा पाते और वे अयोग्य घोषित हो जाते हैं तो उद्धव सरकार बच सकती है। क्योंकि ऐसे में कई विधायक शिवसेना में वापस चले जाएंगे और महाविकास अघाड़ी सरकार सियासी संकट से बच जाएगी।

…तो लग सकता है राष्ट्रपति शासन
अगर महाराष्ट्र में कुछ समय तक इस तरह का सियासी संकट और अनिश्चितता बरकरार रहती है तो राज्यपाल केंद्र को इसकी जानकारी दे सकते हैं। इसके बाद केंद्र राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश कर सकता है।

महाराष्ट्र विधानसभा का गणित

-288 विधायकों की कुल संख्या
-144 विधायक चाहिए सरकार बनाने के लिए
-56 विधायक हैं शिवसेना के
-37 विधायक जुटाने होंगे शिंदे को
-35 विधायक हैं शिंदे के साथ
-106 विधायक हैं भाजपा के
-13 विधायक निर्दलीय और अन्य दलों के भाजपा के साथ

शिंदे ने इसलिए बजाया विद्रोह का बिगुल

एकनाथ शिंदे शिवसेना के मजबूत नेता हैं और पार्टी मे उनकी तूती बोलती है। जब से सरकार बनी और उन्हें महत्वपूर्ण नगर विकास मंत्रालय का प्रभार मिला तब से वे नाराज चल रहे थे। उनका आरोप था कि उनके मंत्रालय में शिवसेना आलाकमान का हस्तक्षेप बहुत ज्यादा था इसलिए वहां के अधिकारी कभी कोई फाइल उनके पास लेकर आते ही नहीं थे। उनके और आलाकमान के बीच संवाद बंद हो चुका था। एकनाथ शिंदे की नाराजगी इस बात को लेकर भी थी कि पार्टी के भीतर जितने नेता उनका विरोध करते थे उनको आलाकमान तवज्जो देता था। सूत्रों के मुताबिक एकनाथ शिंदे को संजय राउत की बयानबाजी भी रास नहीं आ रही थी।

महाराष्ट्र संकट पर सिंधिया का तंज

केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि महाराष्ट्र में जिस दिन से यह सत्तारूढ़ महा विकास अघाड़ी गठबंधन बना है, उसी दिन से इसमें शामिल तीनों दलों में मतभेद रहे हैं। केवल सत्ता की भूख के आधार पर यह अघाड़ी गठबंधन बना है, वह अपने आप में ही विचलित हो चुका है।

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