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ToggleSarvapitri Amavasya 2023 Date: सर्वपित्र अमावस्या(Sarvapitri Amavasya) शनिवार को है। इस दिन भी पितरों का श्राद्ध किया जाएगा। पितरों को खुश करने के लिए घरों में अलग-अलग प्रकार के व्यंजन और पकवानों बनेंगे। मान्यता है कि इस दिन गाय को हरा चारा खिलाना चाहिए। इसके अलावा कौए, कुत्ता, चीटियों एवं अग्नि को भोजन देना शुभ होता है। इससे पितृगण बेहद खुश होते हैं।
आश्विन माह की कृष्ण अमावस्या विसर्जनी अमावस्या नाम से भी जानी जाती है। ज्योतिषाचार्य का कहना है कि यह दिन पितरों का श्राद्ध कर पितृऋण से मुक्ति के लिए महत्वपूर्ण है। अगर, किसी को अपने पितर की पुण्य तिथि याद नहीं है तो वो सर्व पितृ अमावस्या(Sarvapitri Amavasya) के दिन श्राद्ध कर्म करें।
घर में सुख-शांति बनी रहती है
भूले-बिसरे पितरों की आत्मा की शांति के लिए सर्वपित्र अमावस्या(Sarvapitri Amavasya) पर श्राद्ध किया जाता है। मान्यता है कि इस दिन पूरे मन एवं विधि-विधान से पितरों की आत्मा की शांति श्राद्ध किया जाए तो न केवल पितरों की आत्मा शांत होती है, बल्कि उनके आशीर्वाद से घर-परिवार में भी सुख-शांति आती है। परिवार के सदस्यों की सेहत अच्छी रहती है। जीवन की परेशानियों से राहत मिलती है।
पितरों को ऐसे करें विदा
इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान के बाद सफेद कपड़ें पहनें। फिर पितरों को याद कर सूर्य को अर्घ्य दें। उनका श्राद्ध करें। अमावस्या के दिन खीर-पूड़ी और सब्जी बनाएं। पितरों को याद कर उनसे प्रार्थना करें कि वह आकर भोजन लें।
घर के सभी सदस्य एक साथ जरूर भोजन करें
ब्राह्मण को भोजन कराएं। उन्हें दान, दक्षिणा आदि देकर आशीर्वाद लें। घर के लोग एक साथ भोजन जरूर करें। भोजन कराने के बाद पितरों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करें। सर्वपित्र अमावस्या(Sarvapitri Amavasya) पर कौआ, गाय और कुत्ते को भोजन खिलाएं। इस दिन पीपल के पेड़ का पूजा जरूर करें।