झाबुआ। कृषि विज्ञान केन्द्र झाबुआ के वैज्ञानिक के वैज्ञानिक श्री जगदीश मौर्य पिता श्री लक्ष्मण सिंह मौर्य ने महात्मा गॉधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय, चित्रकूट के कृषि संकाय के कृषि विस्तार विभाग से शोध विषय ‘‘मध्यप्रदेश के आदिवासियों द्वारा सब्जी उत्पादन में पर्यावरण अनुकूल कृषिगत प्रबंधन पर अध्ययन‘‘ पर किये गये शोध के लिए पीएच.डी. की उपाधि की माननीय राज्यपाल महोदय मध्यप्रदेश शासन श्रीमान् मंगूभाई पटेल एवं कुलपति प्रोफे़सर नरेशचन्द्र गौतम के करकमलों द्वारा 17 नव ंबर, 2021 को प्राप्त की। श्री जगदीश मौर्य ने अपना शोध कार्य प्रोफ़ेसर देव प्रभाकर राय, अधिष्ठाता कृषि संकाय, ग्रामादय विश्वविद्यालय, चित्रकूट के मार्गदर्शन में पूर्ण किया।
डॉ. मौर्य ने अपने शोध कार्य आदिवासी बाहुल्य झाबुआ, धार, अलिराजपुर एव ं बड़वानी जिले के सब्जी उत्पादक आदिवासी कृषकों द्वारा अपनायी जा रही कृषिगत विधियों एव ंपर्यावरण अनुकूल कृषिगत विधियों के बीच पर्यावरण पर पड़ने वाले असर का अध्ययन किया एवं पाया की पर्यावरण अनुकूल कृषिगत विधियों को अपनाकर कृषिगत लागत कम कर एवं स्थायी रूप से कृषि भूमिं की उवर्राशक्ति बनाये रखते हुए अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकता है साथ ही कृषिगत उत्पादों पर मानव एवं प्राणी जगत पर कोई दुष्प्रभाव भी नहीं पड़ता। अतः कृषकों को आधुनिक रासायनिक खेती को छोड़कर परंपरागत पर्यावरण हितैषी कृषिगत विधियों द्वारा खेती करना पयार्वरण को संरक्षित रखते हुए लाभप्रद सिद्ध होगी।
आपकों अपने शोध कार्य के दौरान कृषि विज्ञान केन्द्र, झाबुआ के प्रमुख डॉ. आई.एस. तोमर, कृषि विज्ञान केन्द्र, बड़वानी के प्रमुख डॉ. सतीश कुमार बड़ौदिया एवं साथी वैज्ञानिक, डॉ. चन्दन कुमार, डॉ, वी.के. सिंह, डॉ. आर.के. त्रिपाठी, डॉ. महेन्द्र सिंह जादौन, डॉ. आर.के. यादव, श्री दयाराम चौहान, श्री, टी.एस. डुडवे, श्री चन्द्रशेखर लोखण्डे, से समय समय पर मार्गदर्शन एवं तकनीकी सहयोग मिलता रहा साथ ही परिवारजनों का विशेष सहयोग रहा एवं केवीके परिवार एवं समस्त मित्रगण आपके उज्जवल भविष्य की कामना करते है।
अर्चित अरविन्द डांगी { मध्यप्रदेश, रतलाम }