आज के ही दिन 91 साल पहले भारतीय सिनेमा की पहली बोलती फिल्म आलम आरा रिलीज हुई थी। इस फिल्म की दीवानगी इतनी थी कि लोग 3 बजे शो शुरू होने के 6 घंटे पहले ही पहुंच गए थे। इस फिल्म के लिए लोगों ने 50-50 रुपये में खरीदे थे, जो उस वक्त एक बड़ी रकम हुआ करती थी। ये फिल्म एक राजकुमार और बंजारन लड़की की प्रेम कहानी थी, जो जोसेफ डेविड के लिखे एक पारसी नाटक पर आधारित थी। आर्देशिर ईरानी के डायरेक्शन में बनी इस फिल्म में मास्टर विट्ठल, जुबैदा, जिल्लो, सुशीला और पृथ्वीराज कपूर ने भूमिका निभाई थी।
इस फिल्म की हीरोइन जुबैदा ने कई मूक फिल्मों में अभिनय किया। आलम आरा उनके करियर का टर्निंग पॉइंट साबित हुआ और उनकी सबसे बड़ी हिट रही। वह बहुत ज्यादा डिमांड में थी और उस समय फिल्म इंडस्ट्री में एक महिला के लिए मानकों से अधिक वेतन प्राप्त किया। 30 और 40 के दशक की शुरुआत में उन्होंने जल मर्चेंट के साथ एक हिट टीम बनाई और कई सफल पौराणिक फिल्मों में सुभद्रा , उत्तरा और द्रौपदी का भी रोल किया था।
जरीना फिल्म को लेकर उस समय काफी विवाद हुआ था। उस फिल्म में हीरोइन के एक किसिंग सीन को लेकर काफी बवाल हुआ था। जुबैदा उन एक्ट्रेस में से थीं, जिनकी फिल्में काफी सुपरहिट हुई। 1934 में उन्होंने नानुभाई वकील के साथ महालक्ष्मी मूवीटोन की स्थापना की,,, वह 1949 तक साल में एक या दो फिल्मों में दिखाई देती रहीं। निर्दोष अबला उनकी आखिरी फिल्म थी।
जुबैदा ने हैदराबाद के महाराज नरसिंगिर धनराजगीर ज्ञान बहादुर से शादी की। वह हुमायूं धनराजगीर और धनेश्वर धनराजगीर की मां थीं। मॉडल रिया पिल्लई की मां जुबैदा ने अपने आखिरी साल परिवार के बॉम्बे पैलेस, धनराज महल में बिताए। 21 सितंबर 1988 को उनकी मृत्यु हो गई।