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देवास जिले में बड़े ही उत्सुकता के साथ सुना गया प्रधानमंत्री मोदी के “मन की बात” का 100वाँ एपिसोड

देवास जिले में बड़े ही उत्सुकता के साथ सुना गया प्रधानमंत्री मोदी के मन की बात का 100वाँ एपिसोड

दीपक विश्वकर्मा – देवास जिले में ग्रामीण अंचल सहित पूरे जिले में उत्साह एवं उत्सुकता के साथ प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के “मन की बात” का 100वाँ एपिसोड सुना गया । देश, प्रदेश सहित जिले में के प्रधानमंत्री श्री मोदी की “मन की बात” के प्रसारण की उत्सुकता के साथ प्रतीक्षा की जाती है। देवास जिले में मन की बात के 100 वें एपिसोड को सुनने के लिए जिला मुख्यालय , विकासखंडों तथा ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम पंचायत भवनों तथा नगरीय निकायों में वार्ड स्तर पर व्यवस्था की गई थी, जहाँ जनप्रतिनिधियों, शासकीय सेवकों तथा आमजन व्दारा मन की बात सुनी गई।

व्होकल फार लोकल के लिए नवाचार किये जा रहे हैं।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने मन की बात के 100 वें एपिसोड को संबोधित करते हुए कहा मन की बात जन आंदोलन बन गया है, हर महीने यह पर्व की तरह आता है, इस कार्यक्रम से देश के कोटि कोटि भारतीयों की भावनाओं को जानने तथा उनके व्दारा किये जा रहे नवाचारों को देश भर के लोगों को जानने तथा उसका अनुसरण करने का अवसर मिल रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आजादी के अम्रत वर्ष में भारतीयों के व्दारा देश को विकसित करने हेतु एक दूसरे के कार्यों से प्रेरणा लेकर अनेकों नवाचार किये है, शिक्षा, जल संरक्षण, पर्यावरण, बेटी बचाओ तथा बेटी पढ़ाओ, जेन्डर रेशियो में सुधार, व्होकल फार लोकल के लिए नवाचार किये जा रहे हैं।

सपोर्ट नहीं कर पा रहे थे या तवज्जो नहीं दे रहे थे।

प्रधानमंत्री ने कहा, ”प्रदीप सांगवान आज हमारे साथ हैं, जिन्होंने हीलिंग हिमालया फाउंडेशन की शुरुआत की थी। प्रदीप जी, आपने हिमालय को हील करने की सोची। आजकल आपका अभियान कैसे चल रहा है।” प्रदीप सांगवान ने कहा, ”जितना काम हम पहले पांच साल में करते थे, 2020 के बाद से अब एक साल में ही हो जाता है। हम पहले संघर्ष कर रहे थे। लोग सपोर्ट नहीं कर पा रहे थे या तवज्जो नहीं दे रहे थे।

जब मन की बात में इसका जिक्र हुआ तो बहुत सारी चीजें बदल गईं। आज हम रोज पांच टन कचरा इकट्ठा करते हैं। यकीन नहीं मानेंगे कि मैं एक वक्त पर हौसला छोड़ चुका था, मन की बात में जिक्र होने के बाद एकदम बदलाव आया। पता नहीं कैसे आप हमें ढूंढ लेते हैं। हम हिमालय में जाकर काम करते हैं। आपने वहां हमें ढूंढा। तब मेरे लिए यह भावुक क्षण था कि देश के प्रथम सेवक से मैं बात कर पाया हूं।”

इस पर प्रधानमंत्री ने कहा, ”आप हिमालय की चोटियों पर सच्चे अर्थों में साधना कर रहे हैं। मुझे विश्वास है कि आपका नाम सुनते ही लोगों को याद आता होगा कि आप कैसे पहाड़ों के स्वच्छता अभियान में जुड़े हैं। मुझे विश्वास है कि आपके प्रयासों से, चर्चा से, कितने ही पर्वतारोही इस अभियान से जुड़े हैं। अच्छी बात है।’

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