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Manipur Violence: सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर हिंसा की जांच को पूर्व 3 महिला जजों की कमेटी बनाई, इन मुद्दों की करेंगे पड़ताल

सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर हिंसा की जांच को पूर्व 3 महिला जजों की कमेटी बनाई, इन मुद्दों की करेंगे पड़ताल

Hearing on Manipur Violence in Supreme Court: मणिपुर में छिड़ी हिंसा मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट के आदेश के मुताबिक मणिपुर के डीजीपी राजीव सिंह ने मामले से संबंधित पूरा विवरण प्रस्तुत किया। डीजीपी ने कोर्ट के समक्ष हिंसा के दौरान दर्ज की गई जीरो एफआईआर, रेगुलर एफआईआर, बयान और गिरफ्तारियों से संबंधित विवरण प्रस्तुत किया। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट की तीन पूर्व महिला न्यायाधीशों की एक जांच कमेटी बनाई। इनमें जस्टिस गीता मित्तल, जस्टिस शालिनी जोशी और जस्टिस आशा मेनन शामिल हैं। इस कमेटी की अध्यक्षता जस्टिस गीता मित्तल करेंगी।

यह कमेटी मणिपुर मामले की चल रही जांच, राहत, मुआवजा, पुनर्वास आदि मुद्दे पर जांच-पड़ताल करेगी। जबकि, मामले की जांच कर रही सीबीआई की जांच की निगरानी आईपीएस अधिकारी करेंगे।

चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने यह आदेश दिया है। अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने इससे पहले कहा कि मणिपुर में आर्टिफिशियल सिचुएशन बनाई गई है कि सरकार कुछ नहीं कर रही है। यह उलझाऊ स्थिति है। बाहर जांच होना लोगों में अविश्वास उत्पन्न कर देगा। सरकार स्थिति को संभालने के लिए परिपक्व तरीके से डील कर रही है।

डिप्टी एसपी रैंक के अलग-अलग राज्यों के 5 अधिकारी लाए जाएंगे
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सीबीआई को जांच ट्रांसफर है, लेकिन कानून के शासन में विश्वास सुनिश्चित करने के लिए निर्देश का प्रस्ताव है कि कम से कम डिप्टी एसपी रैंक के पांच अधिकारी होंगे, जिन्हें अलग-अलग राज्यों से सीबीआई में लाया जाएगा। यह अधिकारी सीबीआई के बुनियादी एवं प्रशासनिक ढांचे के चारों कोनों में भी काम करेंगे। ऐसे मामलों को 42 एसआईटी देखेंगी, जो सीबीआई को हस्तांतरित नहीं किए गए हैं। कोर्ट ने कहा कि सीबीआई जांच की निगरानी आईपीएस अधिकारी करें। इससे पहले कोर्ट ने मामले में सुनवाई की थी। कोर्ट ने मणिपुर हिंसा मामले में अब तक हुई प्रशासनिक कार्रवाई की डिटेल मांगी थी।

पुलिस और जांच एजेंसियों को हिंसा से संबंधित सभी 6 हजार एफआईआर की जानकारी कोर्ट को सौंपनी है। कोर्ट ने कहा कि हमें 6 हजार एफआईआर को अलग-अलग करके जांचनी है।

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