बच्चों और बड़ों में टाइफाइड, पीलिया और यूरिन संक्रमण बढ़ा
सारंगपुर।
इन दिनो सूरज के तेवर तीखे होकर तेज गर्मी पड़ रही है। मौसम का यह मिजाज लोगों की सेहत खराब करने लगा है। स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के शिकार लोग सरकारी अस्पताल के साथ ही निजी अस्पताल में भी पहुंच रहे है। अधिक गर्मी होने से लोग शीतल पेय पदार्थो का उपयोग कर रहे है।
यह पेय पदार्थ भी कई लोगों को गले में खरास व छाले आदि की परेशानी का कारण बन रहे है। डॉक्टरों का कहना है कि गर्मी के मौसम में स्वास्थ्य संबंधी समस्याओ से बचने के लिए रहन-सहन से लेकर खान पान तक में सावधानी रखने की जरूरत है।
इन दिनों सिविल अस्पताल की ओपीडी में आने वाले मरीजो की संख्या बड़ी है। इनमें सभी उम्र के लोग शामिल है।
पूर्व बीएमओ मनीष चौहान ने बताया कि अशुद्ध खानपान के कारण बच्चों व बड़ों में टाइफाइड, अशुद्ध पानी से पीलिया व यूरिन संक्रमण बढ़ा है। वही गर्मी में पसीना आने से बुजर्गो में इलेक्ट्रोलाइट सोडियम पोटोशियम की कमी की समस्या से भी आती है। इससे उन्हे थकान, कमजोरी, घबराहट महसूस होती है। मौसम के प्रभाव से बचने के लिए खान-पान रहन-सहन में सावधानी जरूरी है।
छोटे बच्चों को बुखार, सर्दी-खांसी और उल्टी-दस्त की समस्या
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. अंकित यादव ने बताया कि बच्चो को उल्टी-दस्त की शिकायत सामने आ रही है। कुछ बच्चो में पीलिया टाइफाइड़, बुखार, सर्दी जुकाम आदि की समस्या भी हो रही है। डॉ.यादव का कहना है कि पांच साल तक के बच्चों में बुखार सर्दी, खांसी व उल्टी दस्त की शिकायत सामने आ रही है। उल्लेखनीय है कि होली के बाद से लेकर अभी तक मौसम में कुछ नरमी रही हैं, किंतु अब गर्मी लागों को परेशान करने लगी हैं। जो अब अप्रैल के प्रथम सप्ताह में गर्मी का और अधिक अहसास होगा। घर से बाहर निकलते ही गर्म हवाएं और चिलचिलाती धूप लोगों को परेशान कर रही है। इससे बचने के जतन लोग कर रहे है।
बाजार की चीजें कर सकती है नुकसान
गर्मी का प्रभाव बढ़ने के साथ ही बाजार में शीतल पेय पदार्थो का विक्रय तेजी से बड़ा है। लोग अब ठंडाई के लिए आईसक्रीम, लससी, गन्ने का ज्यूस जैसे तरल पदार्थ का सेवन करने लगे है। किंतु इसे लेकर सभी डॉक्टरों का कहना है कि बाजार में उपलब्ध शीतल पेय पदाथों का उपयोग सावधानी पूर्वक करना चाहिए।
दरअसल कई शीतल पेय पदार्थ गुणवत्ता में हल्के भी बाजार में बिक रहे है जो स्वास्थ्य के लिए नुकसान दायक साबित हो सकते है। इन दिनो नवरात्र के व्रत भी चल रहे है। ऐसे में मिलावटी मावे से बनी मिठाईया भी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है। बदलते मौसम में जरा सी भी लापरवाही हमारे स्वास्थ्य को बिगाड़ सकती है। सेहत में थोडी सी भी गिरावट आते ही तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेकर उपचार कराएं व सावधानी बरते तभी बिमार होने से बचा जा सकता है।
बीमारियों से बचने के लिए ये सावधानी रखें
–ज्यादा तला भूना भेजन करने से बचें।
-बेहतर सेहत के लिए मौसमी फल जरूर खाएं।
-गर्मी के मौसम में बार बार पानी या ज्यूस का सेवन करते रहे।
-घर से बाहर धूप में निकलने के पहले खाना पानी करके निकले।
-हल्के कपड़े पहने, धूप में निकलने से पहले अपने सिर को ढके।
–तेज धूप में दो पकिया वाहन से चलने वाले चेहरे सिर को ढक लें, ताकि गर्म हवा का प्रभाव कम पड़े।
-गर्मी में राहत के लिए नींबू पानी, दही, गन्ने का ज्यूस, छाछ आदि का सेवन करना बेहतर रहता है।