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भोपाल में शहडोल की युवती से गैंगरेप: जॉब ढूंढने आई थी भोपाल, पुलिस की आंखों में पाउडर झोंककर भागे आरोपी

शहडोल की युवती से भोपाल में गैंग रेप का यह मामला 12 जनवरी का है, जिसकी शिकायत 1 सप्ताह बाद 19 जनवरी को युवती ने वापस लौट कर शहडोल के थाने में दर्ज कराई है। बतादें कि युवती को रेलवे स्टेशन पर दो आरोपियों ने नौकरी दिलाने का झांसा दिया। वे उसे स्टेशन के पास ही एक घर में लेकर गए, यहां गलत काम किया। वहीं एक अन्य आरोपी ने उससे छेड़छाड़ की। आरोपियों के चंगुल से छूटकर भागी युवती ने जब दो पुलिसकर्मियों से मदद मांगी। तो आरोपी उनकी आंखों में पाउडर डालकर भाग निकले।

घटना 12 जनवरी की है। पुलिसकर्मियों ने युवती को 500 रुपए देकर शहडोल भेज दिया था। वहां पहुंचकर उसने अपने माता-पिता को पूरी घटना बताई। इसके बाद परिजनों ने 19 जनवरी को FIR दर्ज कराई। आगे की जांच के लिए सीधी थाना पुलिस ने केस डायरी भोपाल के मंगलवारा थाना पुलिस को भेजी। फिलहाल आरोपियों की पहचान नहीं हो सकी। वहीं पुलिसकर्मियों की भी पहचान नहीं हो सकी है। भोपाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।

पढ़िए पीड़िता की आपबीती… उसी की जुबानी…

मेरी उम्र 22 साल है। 10वीं में फेल हो जाने के बाद मैं पढ़ाई छोड़कर घर में ही रहती हूं। मैं कृष्णा नाम के लड़के को जानती हूं, इसलिए उससे बात करती थी। 10 जनवरी 2023 को दिन में 10 बजे मैंने पापा के मोबाइल से कृष्णा को फोन कर नौकरी की तलाश करने को लेकर बात की थी। तब उसने कहा था कि भोपाल आ जाओ। किसी फैक्ट्री में काम मिल जाएगा। इसके बाद मैं शाम करीब 4:50 बजे अपने घर से बनसुकली बस स्टैंड के लिए निकल गई। बस में बैठकर मैं ब्योहारी बनसुकली तिराहा रोड पहुंची।

शाम करीब छह से सात बजे के बीच ब्योहारी बस स्टैंड तिराहा पर मैंने चाट वाले की दुकान से मोबाइल लेकर कृष्णा को फिर कॉल किया। वह मुझे ब्योहारी बनसुलकी रोड तिराहा पर मिला। हम दोनों 10 मिनट वहां पर रूके। उसने मुझे बाइक से भोपाल चलने को कहा। मैंने बाइक से जाने से मना कर दिया। इसके बाद कृष्णा ने मुझे 500 रुपए दिए और वह भोपाल निकल गया।

पहले मैं जबलपुर पहुंची
इसके बाद मैं ऑटो में बैठकर ब्योहारी रेलवे स्टेशन पहुंची। यहां भोपाल के लिए ट्रेन नहीं मिलने पर मैं 11 जनवरी को सुबह करीब 8 बजे शक्तिपुंज ट्रेन मैं बैठी। ट्रेन दोपहर 2 बजे जबलपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म 3 पर पहुंची। शाम 6 बजे मैं वहां से प्लेटफॉर्म 1 से भोपाल जाने वाली ट्रेन में बैठी। ट्रेन का मुझे नाम याद नहीं। जनरल कोच में सफर करते हुए मैं रात करीब 10 बजे भोपाल पहुंच गई। ट्रेन पांच नंबर प्लेटफार्म पर रुकी थी।

भोपाल पहुंचकर फिर दोस्त को कॉल लगाया

यहां मैंने चाय की दुकान वाले से मोबाइल मांगकर फिर दोस्त को कॉल किया। मैंने उसे बताया कि मैं प्लेटफॉर्म पर ही दुकान के पास बैठी हूं। दोस्त 12 जनवरी को सुबह 4 बजे मिलने आया। मैंने जॉब की बात की तो उसने कहा कि अभी काम नहीं मिलेगा। इसके बाद वह अपने घर चला गया। 12 जनवरी को सुबह 5 बजे मैं रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म-6 के बाहर सीढ़ी से निकली तो एक ऑटो वाला मिला। उसने बोला कि कहां जाओगी। मैंने कहा कहीं नहीं, शहडोल जाऊंगी। कुछ देर बाद ऑटो वाला दो और लड़कों को लेकर प्लेटफार्म-6 के बाहर चाय की दुकान के पास आया। वहां एक कार खड़ी थी। वह ऑटो वाले की थी। ऑटो वाला काम दिलाने के बहाने मुझे स्टेशन के पास ही करीब 250 मीटर दूर पर एक घर में ले गया। रूम का नंबर 206 था। ठीक से याद नहीं है। उसके साथ दो अन्य लोग भी थे। वहां पहुंचकर मैंने एक लड़के के मोबाइल से अपने पापा को सुबह 8 बजे कॉल किया था। दिन में करीब 1 बजे एक लड़के ने मेरे साथ गलत काम किया। इसके बाद एक छोटे लड़के ने भी गलत काम किया। उन दोनों लड़कों में से एक लड़के का मोबाइल नंबर-84237* है। एक लड़के की उम्र करीब 23 साल थी। उसका रंग गोरा था और वो दुबला-पतला था, उसने व्हाइट कलर की जींस और ब्लैक कलर का शर्ट पहना था।

पुलिसवालों से मांगी मदद
मकान मालिक ने भी मेरे साथ गलत काम करने की मांग रखी, तो मैंने मना कर दिया। इस पर उसने मुझे मकान से भगा दिया। जिस घर में मेरे साथ गलत काम किया। वहीं, कुछ दूर पर चाय के ठेले वाले से मैंने मदद मांगी। 12 जनवरी को दोपहर चार बजे दो पुलिस वाले आए। दोनों आरोपियों ने पुलिसवालों की आंखों में पाउडर जैसा कुछ छिड़क दिया और भाग निकले।

पुलिसवालों ने 500 रुपए दिए
इसके बाद पुलिसवालों ने मुझे 500 रुपए दिए थे। मैं भोपाल से गलत ट्रेन में बैठकर ग्वालियर पहुंची, फिर वहां से सतना पहुंची। 15 जनवरी को शाम करीब 7 बजे मैं सतना से मैहर अपनी बहन के पास पहुंची। 18 जनवरी को मैं मैहर से अपने घर बनसुकली पहुंची। यहां मैंने पूरी घटना अपने माता-पिता को बताई। इसके बाद थाने पहुंचकर मामला दर्ज कराया।

(पीड़िता ने जैसा FIR में लिखवाया)

मैहर में बहन के घर में रही
आरोपियों के चंगुल से छूटने के बाद युवती जैसे-तैसे अपने घर जाने के लिए ट्रेन में बैठी। लेकिन, गलती से ग्वालियर पहुंच गई। एक व्यक्ति की मदद से वह कटनी से सतना होते हुए मैहर पहुंची। जहां अपनी बहन को युवती ने आपबीती बताई। डर और मानसिक स्थिति को देख बहन ने उसे अपने घर रोक लिया। ठीक होने पर वह पीड़िता को अपने साथ लेकर थाने आई। परिजनों के साथ जाकर मामले की शिकायत थाने में दर्ज कराई गई।

भोपाल पुलिस लेगी पीड़िता के बयान
भोपाल में केस डायरी आने के बाद मंगलवारा थाना पुलिस ने बताया कि पीड़िता के बयान अभी नहीं लिए गए हैं। आगे की जांच, आरोपियों और घटनास्थल की पहचान के लिए पीड़िता को बुलाया जाएगा। इसके बाद ही आरोपियों की पहचान हो सकेगी। हालांकि पुलिस को पीड़िता ने एक आरोपी का मोबाइल नंबर बताया है। वह सिम किसके नाम पर रजिस्टर्ड है, पुलिस पता कर रही है।

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