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अष्टानिका पर्व के समापन एवम गुरूपूर्णिमा पर निकली रथ यात्रा

अष्टानिका पर्व के समापन एवम गुरूपूर्णिमा पर निकली रथ यात्रा

सनावद | आषाढ़ माह में अष्टानिका पर्व के समापन व गुरु पूर्णिमा पर शहर के श्री दिगंबर जैन बड़ा मंदिर में  सिद्धचक्र मंडल विधान के पूजन का समापन 1024 अर्घ्य चढा कर किया गया। विभिन्न कार्यक्रमों के साथ रथ यात्रा निकाली गई।
समाज के मीडिया प्रभारी सन्मति जैन काका ने बताया गुरुपूर्णिमा व अष्टानिका पर्व के समापन पर सोमवार को सुबह से नित्य नियम पंचामृत अभिषेक, पूजन किया गया। तत्पश्चात नगर के गौरव आचार्य श्री 108 वर्धमान सागर महाराज का गुरु पूजन सभी भक्तों व समाजजनों द्वारा किया गया ।

श्रीजी को रथ में विराजमान कर साथ में सनावद नगर के गौरव निमाड़ की माटी के लाल आचार्य श्री 108 वर्धमान सागर महाराज की फोटो को बग्गी में रखकर जुलूस निकाला गया। जिसमें प्रदीप पंचोलिया, प्रशांत चौधरी, हेमेंद्र काका,सरल जटाले कमल केके ने सुमधुर भजन प्रस्तुत किए। सभी भक्तों ने अपने घरों के सामने श्रीजी की आरती उतार पुण्य अर्जन किया।इस अवसर पर रथ के सारथी बनने का सौभाग्य सुनील कुमार अभिषेक अंकुर कुमार पांवणाजी परिवार को प्राप्त हुआ।

वहीं श्रीजी को रथ में लेकर बैठने का सौभाग्य पुष्पेंद्रकुमार पंचोलिया मोगावा वालो को प्राप्त हुआ। जुलूस पूरे नगर में भ्रमण कर पुन बड़ा जैन मंदिर पहुंचा। जहां पर रथ यात्रा का समापन किया गया।उसके बाद श्रीजी का पंचामृतअभिषेक किया गया।
एवम रात्री में अचितन्य भईया ने शास्त्र प्रवचन किया तत्पश्चात श्री जी की आरती कर गुरुवर आचार्य श्री वर्द्धमान सागर जी के चित्र के के समकक्ष भक्ति की गई । इस दौरान सभी समाजजन उपस्थित थे,|

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