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Pitru Paksha 2021: पितृ पक्ष के 16 दिनों में से 9 में हो रहा है शुभ योगों का सृजन, जानिए इनका महत्व

Pitru Paksha 2021: अपने पूर्वजों को याद करने, उनको श्रद्धासुमन अर्पित करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के सर्वश्रेष्ठ समय पितृपक्ष होता है। अनन्त चतुर्दशी के दूसरे दिन पूर्णिमा के दिन से पितृपक्ष का प्रारंभ होता है और इसका समापन सर्व पितृमोक्ष अमावस्या के दिन होता है। इस वर्ष पितृपक्ष में कई शुभ संयोग का सृजन हो रहा है। इस विशेष संयोग संयोग में पितृकर्म करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।

विशेष संयोग का हो रहा है निर्माण

पितृपक्ष में पितरों के निमित्त दान, श्राद्ध और तर्पण किया जाता है। इस वर्ष पितृपक्ष में कई विशेष शुभ संयोग बन रहे हैं जो पितृों की कृपा प्राप्त करने के लिए शुभ फलदायी है। पितृ पक्ष में सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग के साथ अमृत योग जैसे खास संयोग बन रहे हैं। शास्त्रों के अनुसार इन शुभ संयोगों में श्राद्धकर्म करने से पितृ तृप्त होते हैं और सुख-शांति के साथ संपन्नता का आशीर्वाद देते हैं। मान्यता है कि इस दौरान किए गए तर्पण से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। इस साल पितृपक्ष का प्रारंभ भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 20 सितंबर से सोमवार से हो रहा है और इसका समापन सर्वपितृमोक्ष अमावस्या के दिन 6 अक्टूबर को होगा।

सर्वार्थ सिद्धि योग

21, 23, 24, 27, 30 सितंबर और 6 अक्टूबर को सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। इस योग को सर्व कार्यों में सिद्धी देने वाला माना जाता है। इसलिए नए कार्य का प्रारंभ और मांगलिक कार्यों का प्रारंभ इस दिन करना शुभ माना जाता है।

अमृत सिद्धि योग

पितृ पक्ष में 27 और 30 सितंबर को अमृत सिद्धि योग बन रहा है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार अमृत सिद्धि योग मांगलिक कार्यों के लिए बेहद शुभ फलदायी होता है। इसके साथ ही पितृकर्म के लिए भी यह उत्तम माना जाता है। अमृत सिद्धि योग में प्रारंभ किए गए कार्यों में सफलता मिली है।

रवि योग

26 और 27 तारीख को रवि योग बन रहा है। यह योग भी शुभ और सफलतादायक माना जाता है। मान्यता है कि इस योग में मांगलिक कार्य करने से समस्त दोषों का नाश हो जाता है। पितृ पक्ष में रवि योग का सृजन होना कल्याणकारी माना जा रहा है।

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