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Navratri 2022 Day 2: शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन करें मां ब्रह्मचारिणी पूजा, दूर होंगे कष्ट, पूर्ण होगी मनोकामना

शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है। नवरात्रि के इन पावन दिनों में माता रानी के भक्त उनके नौ अलग-अलग रूपों की पूजा करते हैं। जिसमें से पहले दिन दुर्गा मां के शैलपुत्री रूप की पूजा की जाती है। इस दिन लोग व्रत रखते हैं और अपने घरों में कलश स्थापना करते हैं। वहीं नवरात्रि के दूसरे दिन मां दुर्गा के ब्रह्माचारिणी रूप को पूजा की जाती हैं। इस दिन मां ब्रह्माचारिणी की कृपा पाने के लिए भक्त तरह-तरह के जतन करते हैं, व्रत रखते हैं, मन्नत मांगते हैं। साथ ही भोग आदि तैयार करते हैं। मान्यता है कि मां ब्रह्मचारिणी संसार में ऊर्जा का प्रवाह करती हैं। मां ब्रह्माचारिणी की कृपा से मनुष्य को आंतरिक शांति प्राप्त होती है। 27 सितंबर को मां ब्रह्माचारिणी की पूजा की जाएगी। ऐसे में आइए जानते हैं देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि, कथा, मंत्र आदि के बारे में…  

नवरात्रि में करें ये अचूक टोटके, मां दुर्गा की कृपा से घर में आएगी सुख-समृद्धि

  1. शारदीय नवरात्रि में देवी मां दुर्गा के मंदिर में या घर के मंदिर में मां को लाल पताका अर्पित करें, इससे आपकी मनोकामना पूर्ण होगी.
  2. नवरात्रि के 9 दिनों तक माता रानी को 5 तरह के मेवे लाल चुनरी में रखकर अर्पित करें. उसके बाद ये प्रसाद खुद ग्रहण करें. इससे आपके रुके हुए सारे काम पूरे हो जायेंगे.
  3. नवरात्रि के दौरान पीपल के 3 या 5 पत्ते लें और उस पर राम नाम लिखें. इस पर कुछ मीठा रखकर हनुमान मंदिर में चढ़ाये. मान्यता है कि ऐसा करने से धन लाभ होगा.
  4. शारदीय नवरात्रि के दौरान शुभ मुहूर्त में कन्‍या पूजन करें. उन्हें खीर पूड़ी खिलाएं तथा लाल कपड़ा भेंट कर उन्हें ससम्मान विदा करें. इससे मान-सम्‍मान में वृद्धि होती है.
  5. शारदीय नवरात्रि में चांदी का स्‍वास्तिक, हाथी, दीपक, कलश, श्रीयंत्र, मुकुट लेकर माता रानी के चरणों में अर्पित करें. नवरात्रि के आखिरी दिन इन सभी चीजों को गुलाबी कपड़े में बांधकर अपनी तिजोरी या पैसे रखने की जगह पर रखें. धार्मिक मान्यता है कि ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि और धन वैभव बना रहता है.

नवरात्रि के दूसरे दिन कन्या राशि में बड़ी हलचल

नवरात्रि के दूसरे दिन यानि मंगलवार को कन्या राशि में बड़ी हलचल देखने को मिल रही है. इस दिन कन्या राशि में चार ग्रह एक साथ मौजूद रहेंगे. इस दिन सूर्य, बुध, शुक्र और चंद्रमा एक साथ मौजूद रहेगें. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब किसी राशि में एक साथ चार ग्रहों की युति बनती है तो इसे विशेष माना जाता है. कन्या राशि वालों के लिए यह शुभ स्थिति मानी जा रही है.

मां ब्रह्मचारिणी ने ऐसे शिव को पाया था

मां ब्रह्मचारिणी ने शिव को पति के रूप में पाने के लिए एक हजार साल तक सिर्फ फल-फूल खाएं और 100 वर्षों तक जमीन पर रहकर शाक पर निर्वाह किया. ठंड,गर्मी, बरसात हर ऋतु को सहन किया लेकिन देवी अपने तप पर अडिग रही. महादेव को पाने के लिए कई हजार सालों तक निर्जल और निराहार रह कर तपस्या करती रहीं.

मां ब्रह्मचारिणी का पूजा मंत्र
बीज मंत्र – ह्रीं श्री अम्बिकायै नम:।

प्रार्थना मंत्र – दधाना कपाभ्यामक्षमालाकमण्डलू। देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।

मां ब्रह्मचारिणी का प्रिय रंग

देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा में लाल रंग बहुत शुभ माना गया है. देवी की पूजा लाल रंग के वस्त्र पहनकर करना उत्तम फलदायी होता है. पूजा में मां को लाल चुनरी, लाल फूल, कुमकुम, लाल चूड़ी अर्पित करें.

मां ब्रह्मचारिणी का प्रिय भोग
नवरात्रि के दूसरे दिन देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा में देवी को शक्कर और पंचामृत का भोग अति प्रिय है. देवी को इन दो चीजों का भोग लगाने से दीर्धायु का आशीष मिलता है. साथ ही बुद्धि में वृद्धि होती है

मां ब्रह्मचारिणी पूजा 2022 मुहूर्त
अश्विन शुक्ल द्वितीया तिथि शुरू – 27 सितंबर 2022, सुबह 03.08
अश्विन शुक्ल द्वितीया तिथि समाप्त – 28 सितंबर 2022, सुबर 02.28

ब्रह्म मुहूर्त – सबुह 04:42 – सुबह 05:29
अभिजित मुहूर्त – सुबह 11:54 – दोपहर 12:42 पी एम
गोधूलि मुहूर्त- शाम 06:06 – शाम 06:30

मां ब्रह्मचारिणी का स्वरूप

मां ब्रह्मचारिणी को ब्राह्मी भी कहा जाता है. ब्रह्म का अर्थ है तपस्या और चारिणी मतलब आचरण करने वाली यानी कि तप का आचरण करने वाली शक्ति. देवी के दाएं हाथ में जप की माला और बाएं हाथ में कमंडल है. भगवान शंकर को पति के रूप में पाने के लिए देवी ने कठोर तप किया था जिससे ये मां ब्रह्मचारिणी कहलाईं.

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