Jet Airways Founder Scammed: मनी लांड्रिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार देर रात जेट एयरवेज इंडिया (Jet Airways) के फाउंडर (Naresh Goyal) नरेश गोयल को गिरफ्तार कर लिया। ईडी ने नरेश गोयल (Naresh Goyal) को पूछताछ के लिए बुलाया गया था, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया।
इनके ऊपर 538 करोड़ रुपए के घोटाला का आरोप है। आज स्पेशल PMLA कोर्ट में नरेश गोयल को पेश किया जाएगा। सुनवाई के दौरान ED द्वारा आरोपी की हिरासत की मांग की जाएगी। इससे पहले ED ने नरेश नरेश गोयल (Naresh Goyal) को दो बार पूछताछ के लिए बुलाया था, जिस पर वह पेश नहीं हुए थे। 2022 नवंबर में केनरा बैंक ने नरेश, उनकी पत्नी अनीता समेत अन्य पर धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत के बाद मई 2023 में CBI ने फ्रॉड केस दर्ज किया था। इसके बाद ED ने मनी लॉन्ड्रिंग (money laundering) का केस दर्ज किया।
(Naresh Goyal) 848.86 करोड़ रुपए का लोन मिला
जेट एयरवेज को केनरा बैंक (Canara Bank) से 848.86 करोड़ रुपए की क्रेडिट लिमिट और लोन मिला था। बैंक के 538.62 करोड़ रुपए बकाया हैं। जेट एयरवेज का अकाउंट 29 जुलाई 2021 में फ्रॉड घोषित कर दिया गया था। CBI ने 5 मई को गोयल के मुंबई ऑफिस समेत 7 ठिकानों की तलाशी ली थी। नरेश, अनीता गोयल और जेट एग्जीक्यूटिव गौरांग शेट्टी के घर पर भी छापेमारी हुई थी।
CBI की FIR के आधार पर ED ने 19 जुलाई को मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था, तब ED ने गोयल और उनके साथियों के ठिकानों पर तलाशी भी ली थी। केनरा बैंक का आरोप है कि जेट एयरवेज की फॉरेंसिक ऑडिट में यह बात सामने आई है कि जेट ने खुद से जुड़ीं कपंनियों यानी रिलेटेड कंपनियों को 1410.41 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए हैं। ऐसा कंपनी के अकाउंट से पैसा निकालने के लिए किया गया।
गोयल परिवार के पर्सनल खर्चे भी कंपनी के पैसों से चल रहे थे
जेट एयरवेज (Jet Airways) के पैसों से ही गोयल परिवार का पूरा खर्च चल रहा था। उनके स्टाफ की सैलरी, फोन बिल और व्हीकल एक्सपेंस सब जेट एयरवेज से होते थे। गोयल (Naresh Goyal) ने 1993 में जेट एयरवेज की स्थापना की थी। 2019 में एयरलाइन चेयरमैन का पद छोड़ा था। जेट एयरवेज एक समय देश की सबसे बड़ी प्राइवेट एयरलाइंस में से एक थी। इसे साउथ एशियन नेशन की सबसे बड़ी प्राइवेट एयरलाइन का दर्जा था।
फिर कर्ज में दबने के कारण जेट एयरवेज 17 अप्रैल 2019 में ग्राउंडेड हो गई थी। जून 2021 में इसको नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) के बैंकरप्सी रिजॉल्यूशन प्रोसेस के तहत जालान-कालरॉक (Jalan-Kalrock) कंसोर्टियम ने बोली जीतने के बाद अपने कब्जे में लिया, तब से एयरलाइन के रिवाइवल की प्रोसेस जारी है। ये कंसोर्टियम मुरारी लाल जालान और कालरॉक कैपिटल की संयुक्त कंपनी है। जालान दुबई बेस्ड इंडियन ओरिजिन कारोबारी हैं। वहीं, कालरॉक कैपिटल मैनेजमेंट लिमिटेड फाइनेंशियल एडवाइजरी और अल्टरनेटिव एसेट मैनेजमेंट के क्षेत्र में काम करने वाली लंदन बेस्ड ग्लोबल फर्म है। इसके फाउंडर फ्लोरियन फ्रेच हैं।