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MP Election: मध्य प्रदेश में भाजपा को बड़ा झटका, 4 बार विधायक रहे नेता ने थामा बसपा का दामन | कई अन्य भी बगावत की तैयारी मे

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MP Election: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी होने के बाद बीजेपी से इस्तीफों का दौर शुरू हो गया है। भाजपा को चंबल में रविवार को भी बड़ा झटका लगा। पार्टी से टिकट नहीं मिलने से नाराज चार बार के विधायक रहे रसाल सिंह ने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया। वह बहुजन समाज पार्टी का दामन थाम लिया है।

MP Election: मध्य प्रदेश में भाजपा को बड़ा झटका, 4 बार विधायक रहे नेता ने थामा बसपा का दामन | कई अन्य भी बगावत की तैयारी मेरसाल सिंह लहार से दावेदारी जता रहे थे। भाजपा से निराशा हाथ लगने पर वह आज सैकड़ों समर्थकों के साथ लहार में आयोजित बीएसपी की सदस्यता ग्रहण कर ली। लहार के बांके बिहारी गार्डन में सोमवार दोपहर बहुजन समाज पार्टी की कोर कमेटी की बैठक आयोजित हुई थी। इसमें बसपा प्रदेश प्रभारी सुनील बघेल और जोन प्रभारी दिलीप बौद्ध की मौजूदगी में रसाल ने बीएसपी की सदस्यता ली। पूर्व विधायक के साथ उनके भाई योगेंद्र सिंह पप्पू, भाजपा सकारिता प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष भुजबल सिंह तोमर, मंडल अध्यक्ष जबर सिंह समेत अन्य पंचायत, नगरीय निकायों से जुड़े जनप्रतिनिधियों और भाजपा नेताओं ने भी भाजपा को छोड़कर बीएसपी का दामन थाम लिया।

गद्दारी करने वाले नेता को मौका दिया: रसाल
MP Election: अपने इस्तीफे में रसाल सिंह ने लिखा है-मैंने भाजपा के एक कर्मठ कार्यकर्ता के रूप में सारा जीवन समर्पित किया। सदैव संगठन के हित में काम किया। संगठन ने पार्टी के साथ गद्दारी करने वाले नेता को बढ़ावा देकर बिना किसी को सुने चुनावी रण में उतारकर पार्टी के लोकतंत्र की हत्या की है। ऐसे में उनके लिए प्रचार करना मेरे स्वाभिमान के साथ न्याय नहीं होगा, इसलिए मैं तत्काल प्रभाव से भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं।

चंबल में भाजपा को बड़ा झटका
MP Election: रसाल सिंह भिंड की लहार विधानसभा सीट से दावेदार थे। पार्टी ने यहां से अंबरीष शर्मा गुड्डू को प्रत्याशी बनाया है। अंबरीष की टिकट घोषित होने के बाद से रसाल नाराज चल रहे थे। बता दें सीएम शिवराज सिंह चौहान रविवार को भाजपा कार्यालय का उद्घाटन करने लहार पहुंचे थे। उनके दौरे से ठीक पहले पूर्व विधायक रसाल का इस्तीफा देना, चंबल में भाजपा के लिए बड़ा झटका माना जा रहा।

उमा भारती के समर्थक हैं रसाल
MP Election: रसाल उमा भारती के समर्थक बताए जाते हैं। 1972 में रसाल को पहली बार जनसंघ से चुनाव लड़ते हुए भिंड जिले की रौन विधानसभा सीट से विधायक चुने गए थे। फिर 1977 में भी जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव जीतकर विधायक बने थे। उन्होंने 1998 में भाजपा के टिकट पर रौन विधानसभा सीट से जीत दर्ज कराई थी। यह सिलसिला बीजेपी के टिकट पर 2003 तक चला। चार बार रौन सीट से विधायक रहे रसाल भूमि विकास बैंक के अध्यक्ष भी रहे हैं। नगर पालिका भिंड के अध्यक्ष रह चुके हैं। 2008 में परिसीमन के बाद रौन को खत्म कर और रौन विधानसभा के क्षेत्र को लहार और मेहगांव विधानसभा सीट में मिलाया गया है।

ग्वालियर से केदार कंसाना , नार्यवाली से शारदा खटीक और उज्जैन से विवेक यादव ने भी छोडा दामन

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