Mradhubhashi
Search
Close this search box.

MP Election 2023: मध्यप्रदेश में लागू होगा गुजरात फार्मूला(Gujrat Formula),संकट में सिंधिया समर्थक!

mp election 2023 jyotiraditya scindia

MP Election 2023: गुजरात चुनाव समिति के प्रभारी रह चुके हैं, मप्र चुनाव प्रबंध समिति के प्रभारी केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र सिंह यादव (Bhupendra Singh Yadav),गुजरात (Gujrat election)में 42 मौजूदा विधायकों (Mla) के टिकिट काटकर नए चेहरों को दिया गया था मौका

MP Election 2023: तोमर (Narendra Singh Tomar) और सिंधिया (Jyotiraditya Scindia)की गुटबाजी से ग्वालियर में बीजेपी को हो चुका है नुकसान

MP Election 2023: केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) और ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) के बीच रही गुटबाजी का ही नतीजा रहा कि ग्वालियर नगर-निगम चुनाव (Gwalior Nagar Nigam) में भारतीय जनता पार्टी (BJP) को 57 साल बाद हार का सामना करना पड़ा था। यहां से कांग्रेस (Congress) विधायक सतीश सिकरवार (Satish sikarwar) की पत्नी शोभा सिकरवार ने भाजपा की सुमन शर्मा को 18 हजार 8 सौ 5 वोटों से हराया था।

MP Election 2023: मृदुल जैन/भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनावों को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने चुनावी-बिसात बिछानी शुरू कर दी है। इसी कड़ी में केंद्रीय गृहमंत्री एवं वरिष्ठ भाजपा नेता अमित शाह (Amit Shah) बीते 20 दिन में तीसरी बार मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के दौरे पर आ रहे हैं। जैसे ही भाजपा के चाणक्य ने एकाएक मध्यप्रदेश में अपनी सक्रियता बढ़ाई, वैसे ही राजनीतिक विश्लेषक कयास लगाने लगे हैं कि पार्टी मध्यप्रदेश में भी गुजरात फार्मूला (Gujrat Formula) दोहराएगी।

MP Election 2023: केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र सिंह यादव (Bhupendra Singh Yadav) को मप्र चुनाव प्रबंध समिति (Election Management Committee) का प्रभारी बनाए जाने के बाद इन कयासों को और भी मजबूती मिलने लगी है। दरअसल,केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र सिंह यादव गुजरात विधानसभा चुनाव में वहां की चुनाव प्रबंध समिति के प्रभारी थे, और भाजपा ने गुजरात (Gujrat) के गढ़ पर जीत दोहराने के लिए 42 मौजूदा विधायकों के टिकट काटकर नए चेहरों को मौका दिया था। विश्लेषकों का अनुमान है कि गुजरात फार्मूले का सबसे ज्यादा असर ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों (Jyotiraditya Scindia Supporters)पर होगा।

सिंधिया से ज्यादा, तोमर पर किया भरोसा
MP Election 2023: मप्र में कांग्रेस की सरकार गिराकर भाजपा (BJP) को पुन: सत्ता का सुख पहुंचाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) लगातार कांग्रेस के निशाने पर बने रहते हैं। सिंधिया का प्रभाव ग्वालियर-चंबल (Gwalior-Chambal) इलाके में ज्यादा है, इसी को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस सिंधिया को उनके गढ़ में लगातार चुनौती देती रहती है। दूसरी ओर भाजपा के मूल कार्यकर्ता भी सिंधिया समर्थक विधायक-नेताओं को पद और पावर दिए जाने से खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे थे।

MP Election 2023: यह खबर धीरे-धीरे भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व तक भी पहुंची, शायद इसी का ही नतीजा रहा कि चुनाव प्रबंध समीति में प्रभारी के तौर पर केंद्रीय मंत्री भूपेन्द्र सिंह यादव (Bhupendra Singh Yadav) को लिया गया, वहीं सह-प्रभारी की जिम्मेदारी केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव(Ashwini Vaishnav) को दी गई, जबकि समिति का संयोजक ग्वालियर -चंबल के कद्दावर नेता नरेंद्र सिंह तोमर(Narendra Singh Tomar) को बनाया गया।

विधानसभा चुनाव में सिंंधिया के मुकाबले तोमर को ज्यादा बड़ी जिम्मेदारी दिए जाने के बाद से भाजपा के अंदरुनी हलकों में चर्चा चल रही है कि चुनाव के समय पार्टी कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है। इसलिए ही पार्टी ने तोमर की संगठनात्मक कुशलता और कार्यकताओं के बीच मजबूत पकड़ को देखकर ही उनकी काबिलियत को सिंधिया से ज्यादा माना है।

सिंधिया की संघ से गुहार, 7 खास समर्थकों को मिले अभय
MP Election 2023: चुनाव प्रबंध समिति (Election Management Committee) की घोषणा के बाद से भाजपा केंद्रीय नेतृत्व ने प्रदेश संगठन के सामने अपनी मंशा जाहिर कर दी थी कि जनता के बीच गहरी पैठ और काम करने वाले विधायकों (MLA) को ही दोबारा मौका मिलेगा। बताया जा रहा है कि पार्टी और संघ मौजूदा विधायकों की योग्यता का आकलन करने के लिए विभिन्न स्तर पर सर्वे करा रहे हैं। इन सर्वेक्षणों (Survey) में जिस भी विधायक का पॉजीटिव फीडबैक (Positive Feedback) आएगा, पार्टी उसे ही चुनावी मैदान में मौका देगी।

MP Election 2023: अब तक हुए अधिकतर सर्वे में सिंधिया समर्थक कई विधायकों की रिपोर्ट निगेटिव (Negative Report) आई है। सूत्र बताते हैं कि सारी स्थिति को समझते हुए सिंधिया ने भाजपा केंद्रीय नेतृत्व और संघ से गुहार लगाई है कि उनके 7 खास समर्थक (Scindia Supporters) तुलसी सिलावट(Tulsi Silawat) , प्रभुराम चौधरी (Prabhuram Chaudhary) , प्रधुम्न सिंह तोमर (Pradhuman Singh Tomar), महेंद्र सिंह सिसौदिया(Mahendra Singh Sisodiya) , गोविंद राजपूत(Govind Singh Rajpoot) ,इमरती देवी (Imarti Devi) एवं राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव (Rajvardhan Singh Dattigaon) को फिर से चुनाव लड़ने का मौका दिया जाए।

खास बात यह है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) की बेहद करीबी माने जाने वाली डबरा की पूर्व विधायक एवं मप्र लघु उद्योग निगम की अध्यक्ष इमरती देवी उप-चुनाव में अपने ही समधी सुरेश राजे से हार चुकी हैं।

Read More

ये भी पढ़ें...
क्रिकेट लाइव स्कोर
स्टॉक मार्केट