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MP Election News: कमलनाथ को छिंदवाड़ा में घेरने के लिए भाजपा के राष्ट्रीय नेता को सामने लाने की तैयारी

MP Election News: कमलनाथ को छिंदवाड़ा में घेरने के लिए भाजपा के राष्ट्रीय नेता को सामने लाने की तैयारी

MP Election News: छिंदवाड़ा में वन मैन शो रोकने के लिए भाजपा ने बनायी विशेष रणनीति

MP Election News: प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamlanath) को उनके ही घर में घेरने की तैयारी चल रही है। कमलनाथ को इससे पहले भाजपा लोकसभा चुनाव (Loksabha Election) में भी कई बार घर चुकी है, जिसमें से एक बार उसे सफलता भी मिली थी। इस बार भाजपा (BJP) की रणनीति कमलनाथ को उनके विधानसभा क्षेत्र छिंदवाड़ा (Chindwada) में घेरने की बन रही है, ताकि वह दूसरी सीटों पर चुनाव प्रचार के लिए ज्यादा वक्त ना दे पाए।

MP Election News: छिंदवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में कमलनाथ के सामने मध्य प्रदेश भाजपा का डर नेताओं में शुमार है और किसी बड़े नाम और चेहरे को विधानसभा का चुनाव लड़ा सकती है। हालांकि कर्नाटक में भाजपा ने कई कांग्रेस (Congress) सीनियर नेताओं को उनके गढ़ में घेरने की कोशिश की थी। लेकिन ज्यादातर भाजपा प्रत्याशी कांग्रेस के बड़े नेताओं से हार गए। संगठन और लीडरशिप का मुकाबला भाजपा को विधानसभा चुनाव में संगठन की ताकत हमेशा से मिलती रही है।

वहीं कांग्रेस (Congress) का हाल इसके उल्टा है। कांग्रेस में लीडरशिप ही भाजपा के संगठन से मुकाबला करते हुए चुनाव लड़ती है। हालांकि इस बार कांग्रेस ने अपने संगठन को मजबूत किया है इसके बाद भी भाजपा यह मानती है कि यदि कमलनाथ को को उन्ही के ही चुनाव क्षेत्र छिंदवाड़ा में ही धर लिया जाए तो उनका वन मैन शो (One Man Show) प्रभावित होगा। जिसका सीधा फायदा भाजपा को प्रदेश की अन्य सीटों पर मिल सकता है।

सबसे अहम भूमिका निभा रहे हैं कमलनाथ
कांग्रेस में दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) के बाद कमलनाथ ही एकमात्र नेता है जो पब्लिक से लेकर संगठन तक में सबसे अहम भूमिका निभा रहे हैं। जनता उनकी सभाओं से ज्यादा आ रही है। जबकि दिग्विजय सिंह अब सभाएं कम करने लगे है। बाकी के नेता अपनी सभाओं से जनता को बहुत ज्यादा प्रभावित नहीं कर पाते हैं ऐसे में यदि कमलनाथ खुद अपने विधानसभा क्षेत्र में गिर जाएंगे तो उनकी सभाओं की संख्या चुनाव में काम हो सकती है।

1997 में कामयाब रही थी भाजपा की रणनीति
कमलनाथ को पहले लोकसभा चुनाव (Loksabha Election) में भाजपा द्वारा घेरा जा चुका है। 1997 में छिंदवाड़ा लोकसभा में हुए उपचुनाव में कमलनाथ के खिलाफ पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा को उतारा था। भाजपा की यह राजनीति सफल रही थी और कमलनाथ लगभग 38000 मतों से चुनाव हार गए थे। इसी तरह उसके बाद 1998 भी नाथ के खिलाफ भाजपा ने पटवा को चुनाव में उतारा था। इसके बाद 2004 के लोकसभा चुनाव में एक बार फिर से कमलनाथ को भाजपा ने गिरने का प्रयास किया, तब हुए लोकसभा चुनाव में कमलनाथ के खिलाफ प्रहलाद पटेल (Prahalad Patel) को उतारा था। प्रहलाद पटेल अभी केंद्र में मंत्री हैं। वहीं 2003 के चुनाव में तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को राधोगढ़ Radhogarh में भाजपा ने घेरा था उस वक्त यहां से शिवराज सिंह चौहान को भाजपा ने उतारा था।

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