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मार्शल आर्ट आत्मरक्षा के लिए अतिआवश्यक – रेणू अग्रवाल

मार्शल आर्ट आत्मरक्षा के लिए अतिआवश्यक - रेणू अग्रवाल

उत्‍कृष्‍ट विद्यालय में मार्शल आर्ट की कक्षा का शुभारंभ

आशीष यादव/धार। शासकीय उत्कृष्ट माध्यमिक विद्यालय क्रमांक-1 स्कूल में मार्शल आर्ट की कक्षा का शुभारंभ किया गया। शुभारंभ मुख्य अतिथि महिला थाना धार की निरीक्षक रेनू अग्रवाल ने किया। इस दौरान टीआई अग्रवाल ने बताया कि मैं जहां जाती हूं वहां मेरे पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह व पुलिस विभाग को ही रिप्रेजेंट करती हूं।

स्वामी विवेकानंद जी का कथन “स्ट्रैंथ इस लाइफ वीकनेस इस डेथ” के बारे में बताया कि उनका स्ट्रेंथ से आशय हर तरह की स्ट्रेंथ से था..किसी भी उन्नत शिक्षा व्यवस्था में संपूर्ण व्यक्तित्व विकास वही है। जिसमें शारीरिक, मानसिक व भावनात्मक सभी पहलुओं को समान रूप से विकसित किया जाए। मस्तिष्क का आहार किताबें हैं, अध्ययन है तो इमोशंस का आहार सेवा भाव, दूसरों की भावनाएं समझना सहायता करना है समानुभूति‍ है।

वहीं शरीर का आहार व्यायाम, कठोर श्रम है ये सेल्‍फ डिफेंस जिसकी शुरुआत आप आज कर रहे हैं ये भी है। इन तीनों में से एक पहलू भी अनदेखा किया गया तो हम संपूर्ण विकास से वंचित रह जाएंगे। मार्शल आर्ट का उदय तो भारत में ही हुआ था एवं भारत के ही एक संत बोधिधर्म इसे भारत से बाहर लेकर गए थे और वहां इसका प्रचार प्रसार किया। मार्शल आर्ट्स या शारीरिक शिक्षा की परंपरा भारत में शुरुआत से रही है।

मानसिक एवं आध्यात्मिक शिक्षा के साथ-साथ शारीरिक शिक्षा का भी ज्ञान गुरुकुल में दिया जाता था। मार्शल आर्ट आत्मरक्षा के लिए अतिआवश्यक है। जिससे कि छात्राएं विषम परिस्थितियों का सफलतापूर्वक सामना कर अपने स्वाभिमान की रक्षा कर सकें। इसके निरंतर अभ्यास से आपकी एकाग्रता बढ़ेगी, आत्म विश्वास एवं निर्णय क्षमता बढ़ेगी आलस्य दूर होगा और जीवन में जीत की ललक जागेगी। ये मेरा खुद का अनुभव है।

अंत में मेरा आपसे कहना है खास तौर से मेरी सभी बहनें इस अभ्यास को कुछ दिन करके छोड़ना मत। इसे अपनी दैनिक चर्या का हिस्सा बनाएंगे तो आप जीवन के हर आयाम पर सफल सशक्त होंगे और बुढ़ापा भी सुख से बीतेगा।

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