मध्यप्रदेश ने पहली बार रणजी ट्राफी का फाइनल जीतकर इतिहास रच दिया है. फाइनल में मुंबई जैसी मजबूत टीम को हराकर 6 विकेट शेष रहते हुए मध्यप्रदेश ने रणजी पर कब्जा किया. मध्यप्रदेश की टीम में 18 साल के खिलाड़ी से लेकर 30 साल के तक सीनियर खिलाड़ी शामिल थे, इस टीम में शामिल युवा और सीनियर का यही तालमेल जीत का मंत्र बना.\
पूरी सीरीज में एक तरफ जहां गेंदबाजों में विकेट लेने का जुनून, तो बल्लेबाजों में रनों की भूख भी दिखी. इसी का नतीजा रहा है कि मध्यप्रदेश ने रणजी के इतिहास में पहली बार ट्रॉफी पर कब्जा करने में सफल रही.88 साल के रणजी के इतिहास में यह पहली बार है जब एमपी ने ट्राफी जीती. 23 साल पहले मध्यप्रदेश फाइनल में तो पहुंचा था, लेकिन टीम को कर्नाटक से हार का सामना करना पड़ा था. लेकिन इस बार इतिहास रचते हुए मध्यप्रदेश ने मुंबई को 6 विकेट से हराकर ट्राफी अपने नाम की है.
मुंबई की प्लेइंग 11: पृथ्वी शॉ (कप्तान), यशस्वी जायसवाल, अरमान जाफर, सुवेद पार्कर, सरफराज खान, हार्दिक तमोरे (विकेटकीपर), शम्स मुलानी, तनुष कोटियान, धवल कुलकर्णी, तुषार देशपांडे और मोहित अवस्थी.
मध्य प्रदेश की प्लेइंग 11: यश दुबे, हिमांशु मंत्री (विकेटकीपर), शुभम शर्मा, रजत पाटीदार, आदित्य श्रीवास्तव (कप्तान), अक्षत रघुवंशी, सारांश जैन, कुमार कार्तिकेय, अनुभव अग्रवाल, गौरव यादव और पार्थ साहनी.