बच्चों से मजदूरी करवाना अपराध है….
विपिन जैन/बड़वाह – पैरालीगल वालंटियर प्रमोद गंगराड़े और संदीप बैसवार द्वारा विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन करते हुए गिट्टी खदान क्षेत्र में छोटे बच्चों के बीच बालश्रम निषेध दिवस को साकार करते हुए बच्चों को हर प्रकार की मजदूरों से दूर रहने एवं अपना अधिकांश समय पढ़ाई में लगाने के लिए जागरूक किया।
दोनों पैरालीगल वालंटियर द्वारा विधिक साक्षरता समिति सनावद के बैनर तले यह जागरूकता शिविर आयोजित किया एवं आसपास के लोगों को तथा बच्चों को बाल श्रम निषेध कानून के संबंध में जानकारी दी एवं सभी से यह अपेक्षा व्यक्त की कि कोई भी व्यक्ति छोटे बच्चों को अपनी दुकान, संस्थान, प्रतिष्ठान, कारखाने आदि पर किसी भी प्रकार की मजदूरी का प्रलोभन देकर उनसे श्रम ना करवाएं,
क्योंकि छोटे बच्चों को अपना जीवन संवारने और भारत की भविष्य की मजबूती को बनाए रखने के लिए उनका साक्षर होना अत्यावश्यक समझना होगा, ऐसा करने पर ही बाल श्रम निषेध कानून का पालन होगा और ऐसे कानून का पालन ना करने पर प्रशासन से मिलने वाले दंड के संबंध में भी जानकारी दी गई।
विश्व बालश्रम निषेध दिवस इतिहास
विश्व बालश्रम निषेध दिवस की शुरुआत 2002 में अंतरराष्ट्रीय श्रम संघ ने की इसका मुख्यालय जेनेवा में है , यह संयुक्त राष्ट्र संघ की एक शाखा है| यह सिद्धांत बनाती है और उसे सख्ती से पालन किया जा रहा है उसका ब्योरा रखती है ,ये कई अंतराष्ट्रीय पुरस्कार जीत चुकी है आमसहमति से 2002 से कानून पारित किया गया |जिसमे 14 से कम उम्र के बच्चों से श्रम कराने को अपराध माना गया। इसी साल पहली बार बाल श्रम निषेध दिवस 12 जून को मनाया गया।
विश्व बालश्रम निषेध दिवस क्यों मनाया जाता है ?
इसका उद्देश्य बच्चों को बाल मजदूरी के खिलाफ जागरूक करना है | |अंतर्राष्ट्रीय श्रम संघ (आईएलओ) की रिपोर्ट के अनुसार आज भी दुनियाभर में करीब 15.2 करोड़ बच्चे मजदूरी करने को मजबूर हैं। इनमें से अधिकतर बदत्तर हालात में काम कर रहे हैं।
बालश्रम की परिभाषा
- सयुक्त राष्ट्र संग के मुताबिक 18साल से कम उम्र के बच्चो से श्रम कराना कानूनी अपराध है |
- अंतरराष्ट्रीय श्रम संघ ने बाल श्रम उम्र 15 साल तय की है
- भारत सविधान के अनुसार किसी उद्योग ,कारखाने में शारीरिक अवं मानसिक रुप से काम करने की उम्र 5-14 वर्ष की होने पर बालश्रम कहा जाता है |
- अमेरिका में उम्र 12 साल रखी गयी है |
बालश्रम के कारण
- माता-पिता का असंतोष, लालच, अशिक्षित होना बाल श्रम जैसे अपराध को बढ़ावा देता है . बड़े-बड़े कारखाने जैसे-कोयला खदाने,हीरा खदाने.पत्थर/गिट्टी/ईट की खदाने
- यूनीसेफ के अनुसार बच्चों का विनियोग इसलिए किया जाता है, क्योंकि उनका आसानी से शोषण किया जा सकता है।
- अशिक्षित अभिभावक उसने अपने बच्चे की शिक्षा एवं विकास को महत्व नहीं देते । इसलिए थोड़ी-सी सुविधा या लोभ में वह अपने बच्चों को पढ़ाने से रोक लेते हैं
- ग्रामीण भारत में छोटी उम्र में विवाह कर देने से लड़कों पर घर चलाने की जिम्मेदारी भी उसे श्रमिक बना देती है ।
संवैधानिक प्रावधान
बालश्रम पर लगाम लगाने के लिए कई संवैधानिक प्रावधान बनाये है |
- अनुच्छेद 15(3): बाल श्रम एक ऐसा विषय है, जिस पर संघीय व राज्य सरकारें, दोनों कानून बना सकती हैं।
- अनुच्छेद 21: 6-14 साल के बच्चो को निःशुल्क शिक्षा प्रदान की जाएगी (धारा 45)
- अनुच्छेद 23:बच्चो को खरीद फरोक पर रोक लगात है बच्चो को खरीद फरोक पर रोक लगाता है ।
- अनुच्छेद-24 किसी फैक्ट्री, खान, अन्य संकटमय गतिविधियों यथा-निर्माण कार्य या रेलवे में 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों के नियोजन का प्रतिषेध करता है।
बाल श्रम रोकने के उपाय
बाल श्रम रोकने के लिए सरकारी योजनाएं
- बाल फिल्म सोसाइटी 1955
- समेकित बाल संरक्षण योजना Integrated Child Protection Scheme (ICPS)2009
- बाल न्याय कार्यक्रम
- फूटपाथ पर रहने वालो के लिए कार्यक्रम
- खाद्य सुरक्षा अधिनियम
- राष्ट्र बाल श्रम योजना : बाल मजदूरी से मुक्त कराए गए बच्चो के लिए सरक़ार ने बाल श्रम योजना शुरू की है इन्हे विशेष स्कूलों में दाखिला दिलवाया जायेगा